Gaza ceasefire

Gaza ceasefire: गाज़ा में अस्थायी संघर्ष विराम पर इज़राइल सहमत, हमास ने किया खारिज – क्या शांति की उम्मीद बरकरार है?

Gaza ceasefire: इज़राइल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ़ के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रमज़ान और पासओवर के दौरान गाज़ा में अस्थायी संघर्ष विराम पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार सुबह इस निर्णय की पुष्टि की। हालांकि, शनिवार को हमास के प्रवक्ता हाज़ेम क़ासेम ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

पृष्ठभूमि: लंबे समय से जारी संघर्ष

पिछले 15 महीनों से इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष ने गाज़ा पट्टी में गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न किया है। इस दौरान लगभग 46,000 लोगों की जान गई है, और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। संघर्ष विराम के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल पाया है।

संघर्ष विराम का महत्व

रमज़ान और पासओवर दोनों ही धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पर्व हैं। इन अवसरों पर संघर्ष विराम से न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि मानवीय सहायता पहुंचाने और बंधकों की रिहाई के प्रयासों में भी सुविधा होगी। यह कदम क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अमेरिका की भूमिका

अमेरिका ने इस संघर्ष विराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ़ ने इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थता करते हुए इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया। इसके अलावा, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी येरुशलम में इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक कर बंधकों की रिहाई और गाज़ा पट्टी से फिलिस्तीनियों के स्वैच्छिक प्रवास को प्रोत्साहित करने की योजना पर चर्चा की।

हमास की प्रतिक्रिया

हमास के प्रवक्ता हाज़ेम क़ासेम ने शनिवार को इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह उनकी शर्तों के अनुरूप नहीं है। हमास की मांग है कि सभी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हो और गाज़ा की नाकेबंदी समाप्त की जाए। इससे पहले भी, दिसंबर 2023 में अमेरिका, क़तर और मिस्र द्वारा प्रस्तावित तीन-स्तरीय संघर्ष विराम योजना को हमास ने स्वीकार किया था, लेकिन इज़राइल ने उसे ठुकरा दिया था।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अमेरिका और इज़राइल की आलोचना करते हुए कहा कि गाज़ा में मासूम लोगों पर बमबारी हो रही है, जबकि अमेरिका में नेतन्याहू के लिए तालियां बजाई जा रही हैं। उन्होंने गाज़ा युद्ध को लेकर अमेरिका और इज़राइल पर झूठा नैरेटिव फैलाने का आरोप लगाया।

भविष्य की चुनौतियाँ

हालांकि इज़राइल ने संघर्ष विराम के प्रस्ताव को स्वीकार किया है, लेकिन हमास की अस्वीकृति से स्थिति जटिल हो गई है। यदि हमास अपनी स्थिति पर कायम रहता है, तो संघर्ष विराम लागू करना कठिन हो सकता है। इसके अलावा, क्षेत्र में अन्य समूहों की गतिविधियाँ और ईरान की भूमिका भी शांति प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।

रमज़ान और पासओवर के दौरान गाज़ा में अस्थायी संघर्ष विराम का प्रस्ताव क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, हमास की अस्वीकृति और अन्य जटिलताओं के कारण इस पहल की सफलता अनिश्चित है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी और दोनों पक्षों की लचीलापन ही इस संघर्ष के स्थायी समाधान की कुंजी हो सकती है।

Admin

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

View all posts by Admin →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *