India-Pakistan tensions

India-Pakistan tensions: पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हाई अलर्ट, सीमावर्ती जिलों में स्कूल बंद, सरकारी अमला चौकस

India-Pakistan tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति ने एक बार फिर देश के सीमावर्ती राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। भारत द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को सतर्क मोड पर रखा गया है। पंजाब सरकार ने राज्य के छह सीमावर्ती जिलों में सभी स्कूलों को अगली सूचना तक बंद करने का आदेश दिया है, वहीं पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी विभागों के कर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।

बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि

इस हालिया स्थिति की शुरुआत उस समय हुई जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक भीषण आतंकी हमला हुआ। इस हमले में 26 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश अमरनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालु थे। इस क्रूर हमले की जिम्मेदारी एक कट्टरपंथी आतंकी संगठन ने ली, जो लंबे समय से पाकिस्तान के संरक्षण में काम कर रहा है। इस घटना ने देशभर में रोष की लहर दौड़ा दी और केंद्र सरकार ने इसका कड़ा जवाब देने की बात कही।

सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसके तहत पाकिस्तान के भीतर स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में आतंकियों के प्रशिक्षण शिविरों और लॉजिस्टिक सपोर्ट ठिकानों को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचाया गया।

भारत की जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से भी तनावपूर्ण प्रतिक्रिया आई। 8 मई को पाकिस्तान की ओर से कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और रॉकेट से हमले की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय वायुसेना और रक्षा प्रणालियों ने उन्हें नाकाम कर दिया। इस दौरान भारत ने भी पाकिस्तान की एयर डिफेंस यूनिट्स पर रणनीतिक हमले किए ताकि किसी भी संभावित जवाबी हमले को रोका जा सके।

इन घटनाओं ने एक बार फिर भारत-पाक सीमा को अशांत बना दिया है और यही कारण है कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पंजाब में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सीमावर्ती जिलों—गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का—में सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। इसके पीछे दो मकसद हैं—पहला, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दूसरा, किसी भी आपात स्थिति में स्कूल परिसरों को राहत केंद्र के रूप में इस्तेमाल करना।

साथ ही, पुलिस विभाग को अतिरिक्त बलों के साथ संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं। सुरक्षा बलों को आदेश दिया गया है कि वे 24 घंटे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार रहें।

हरियाणा और चंडीगढ़ भी सतर्क

हरियाणा सरकार ने भी इसी तरह की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। अंबाला, पंचकूला, करनाल और सिरसा जैसे जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और मॉल्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की सहायता से तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

चंडीगढ़ प्रशासन ने भी सेक्टर-वार निगरानी प्रणाली को सक्रिय किया है। सभी सरकारी अस्पतालों और आपात सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आपदा प्रबंधन दलों को स्टैंडबाय मोड में रखा गया है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

नागरिकों के लिए विशेष निर्देश

सरकार की ओर से नागरिकों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की गई है। साथ ही, सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वे केवल सरकारी माध्यमों से प्राप्त जानकारी पर विश्वास करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अनावश्यक यात्रा से बचें, और यदि आवश्यक हो, तो पहचान पत्र साथ रखें। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे रात के समय गैर-जरूरी रूप से बाहर न निकलें, और जरूरी आपातकालीन नंबरों को अपने पास रखें।

‘ऑपरेशन अभ्यास’ के जरिए नागरिक तैयारी

भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नामक एक राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य लोगों को आपातकालीन स्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दें, इसकी जानकारी देना है। इस अभियान के तहत पूरे देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट अभ्यास, निकासी योजनाएं और नागरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसमें स्कूली छात्रों, नागरिकों, व्यापारियों और स्थानीय प्रशासकों को शामिल किया गया है ताकि पूरे देश में एक समन्वित और प्रभावी नागरिक सुरक्षा तंत्र विकसित किया जा सके।

सामाजिक और मानसिक असर

इस पूरे तनावपूर्ण वातावरण का असर केवल भौतिक सुरक्षा पर नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग पहले से ही चिंता और भय में जी रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, रोज़मर्रा के कामकाज पर असर पड़ रहा है और व्यवसायों को भी नुकसान हो रहा है।

इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। टेली-काउंसलिंग सेवाएं, मानसिक स्वास्थ्य शिविर और सामुदायिक सहयोग समूहों का गठन करके लोगों को भावनात्मक सहारा दिया जाना चाहिए।

एकजुटता और सतर्कता समय की ज़रूरत

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव निश्चित रूप से गंभीर है, लेकिन भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इसे काबू में रखने के लिए पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में हाई अलर्ट के बावजूद, नागरिकों की एकजुटता, जागरूकता और संयम ही देश को सुरक्षित बनाए रख सकती है।

हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों और डर के माहौल में न फंसें, बल्कि शांतिपूर्वक और जिम्मेदारी के साथ हालात का सामना करें।

अधिक समाचारों के लिए पढ़ते रहें जनविचार।

Admin

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

View all posts by Admin →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *