iPhone: की कीमतों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी! ट्रंप की ‘Liberation Day’ नीति से उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नई व्यापार नीति—’लिबरेशन डे’ टैरिफ—का असर अब सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ता दिख रहा है। ट्रंप के इस फैसले से Apple के iPhone जैसे लोकप्रिय उत्पादों की कीमतों में 30% से 43% तक की भारी बढ़ोतरी संभव है। इस कदम से न केवल Apple को झटका लग सकता है, बल्कि उपभोक्ता भी अपनी पसंदीदा डिवाइस खरीदने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर हो सकते हैं।
iPhone prices could surge 43% under Trump’s China tariffs, pushing a $799 iPhone 16 to $1,142 — Reuters pic.twitter.com/THbrz4QA1z
— NewsWire (@NewsWire_US) April 3, 2025
क्या है ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ?
इस नीति के तहत अमेरिका अब सभी आयातों पर न्यूनतम 10% और देश-विशेष के हिसाब से अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। खासतौर पर चीन से आयातित उत्पादों पर 60% तक का शुल्क लगाया जा सकता है। चूंकि Apple के अधिकतर उत्पाद चीन में मैन्युफैक्चर होते हैं, इस नीति का सीधा असर iPhone पर पड़ने वाला है।
iPhone की कीमत में संभावित बढ़ोतरी
विशेषज्ञों के अनुसार, iPhone 16 Pro Max की मौजूदा कीमत लगभग $1,599 है, जो इस टैरिफ के लागू होने पर बढ़कर $2,300 तक जा सकती है। भारतीय संदर्भ में देखें तो यह कीमत लगभग ₹1.90 लाख तक पहुंच सकती है। यदि Apple इस बढ़ी लागत को उपभोक्ताओं पर डालता है, तो iPhone खरीदना आम ग्राहकों के लिए और भी मुश्किल हो जाएगा।
Samsung को मिल सकता है फायदा
जहां चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क लगेगा, वहीं दक्षिण कोरिया जैसे देशों से आने वाले उत्पादों पर अपेक्षाकृत कम टैरिफ लागू होगा। इसका सीधा फायदा Samsung जैसी कंपनियों को मिलेगा, जो चीन पर उतनी निर्भर नहीं हैं। ऐसे में Samsung की फ्लैगशिप सीरीज़ Apple को कड़ी टक्कर दे सकती है।
वैश्विक बाजार में उथल-पुथल
ट्रंप की टैरिफ नीति की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखी गई। Dow Jones में 4% की गिरावट आई, जो जून 2020 के बाद से सबसे बड़ी है। निवेशकों को डर है कि इससे वैश्विक व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है, क्योंकि चीन और यूरोपीय संघ ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
Apple की रणनीतिक दुविधा
Apple पिछले कुछ सालों से भारत और वियतनाम जैसे देशों में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी भी इसका बड़ा हिस्सा चीन में ही बनता है। कंपनी अब इस दुविधा में है कि क्या बढ़ी हुई लागत को खुद वहन करे या उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डाले।
Apple के शेयरों में पहले ही 9% की गिरावट आ चुकी है। CEO टिम कुक के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि वह पहले ट्रंप प्रशासन के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अब कंपनी को कोई रियायत नहीं मिली।
उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?
अगर आप iPhone खरीदने की सोच रहे हैं, तो हो सकता है यह सही वक्त हो। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ के असर से पहले खरीदारी करना समझदारी भरा कदम होगा। अमेरिका में कई रिटेल स्टोर्स ग्राहकों को जल्द खरीदने की सलाह दे रहे हैं।
ट्रंप की ‘लिबरेशन डे’ नीति के चलते iPhone जैसे प्रीमियम स्मार्टफोन्स की कीमतें आसमान छू सकती हैं। यह फैसला न केवल Apple के लिए एक झटका है, बल्कि उन लाखों उपभोक्ताओं के लिए भी चिंता का विषय है जो हर साल नए iPhone का इंतजार करते हैं। इस माहौल में टेक्नोलॉजी कंपनियों को अपनी मैन्युफैक्चरिंग रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा, जबकि उपभोक्ताओं को स्मार्ट फैसले लेने होंगे।