IPL 2025 CSK vs KKR: आईपीएल 2025 का शुक्रवार चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के फैन्स के लिए बेहद निराशाजनक रहा। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ चेन्नई को ऐसी हार का सामना करना पड़ा जो उनके इतिहास में सबसे शर्मनाक रही। इस मुकाबले में धोनी की अगुवाई में टीम महज़ 103 रन ही बना सकी और उसके बाद KKR ने सिर्फ 10.1 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
HISTORY SMASHED IN STYLE! 🚨
— Atul (@tiwariaatul) April 11, 2025
KKR hand CSK their biggest ever defeat in IPL history.
#CSKvsKKR pic.twitter.com/3WbEltu0Ew
यह हार न केवल इस सीजन की सबसे बड़ी हार थी, बल्कि यह चेन्नई के लिए मानसिक रूप से भी बड़ा झटका साबित हुई। फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञों के मन में अब सवाल उठ रहे हैं—क्या अनुभवी खिलाड़ियों का युग समाप्त हो रहा है?
बल्लेबाजी में पूरी तरह से फ्लॉप
चेन्नई सुपर किंग्स की बल्लेबाजी इस मैच में बुरी तरह से लड़खड़ा गई। पावरप्ले में टीम ने महज़ 31 रन बनाए और उसके बाद विकेट गिरने का सिलसिला थमा ही नहीं। सात बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। शिवम दुबे (31 रन) और विजय शंकर (29 रन) ही कुछ हद तक टिके रहे, लेकिन कोई भी खिलाड़ी बड़ी पारी नहीं खेल सका।
किसी भी सीनियर खिलाड़ी में संघर्ष करने का जज्बा नहीं दिखा। एमएस धोनी खुद भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे और एक अहम मौके पर अपना विकेट गंवा बैठे।
धोनी की वापसी से भी नहीं बदली टीम की किस्मत
इस मुकाबले में चोटिल रुतुराज गायकवाड़ की अनुपस्थिति में एमएस धोनी ने फिर से कप्तानी संभाली। फैन्स को उम्मीद थी कि माही की वापसी से टीम का भाग्य बदलेगा, लेकिन परिणाम उससे ठीक उल्टा रहा। धोनी की रणनीति भी सवालों के घेरे में आ गई है। टीम की बल्लेबाजी इतनी धीमी थी कि वह टेस्ट मैच जैसा लग रहा था।
मैच के बाद धोनी ने माना कि टीम ने जल्दी विकेट गंवाए और कोई भी साझेदारी नहीं बना सका। यह एक टीम गेम है और यदि टॉप ऑर्डर नहीं चलता तो मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर पर बहुत दबाव आ जाता है।
अनुभवी खिलाड़ियों पर उठा सवाल
चेन्नई की टीम में अभी भी कई अनुभवी खिलाड़ी हैं—धोनी, रहाणे, जडेजा, दीपक चाहर जैसे नाम जो वर्षों से टीम के स्तंभ रहे हैं। लेकिन अब यही अनुभवी खिलाड़ी टीम के कमजोर पक्ष बनते जा रहे हैं। IPL जैसे तेज़ फॉर्मेट में जहां हर बॉल मायने रखती है, वहां उम्र और अनुभव से ज्यादा जरूरी है फिटनेस, फुर्ती और माइंडसेट।
सवाल यह भी उठता है कि जब अन्य टीमें युवा खिलाड़ियों को तरजीह दे रही हैं, तो चेन्नई क्यों पुराने खिलाड़ियों के सहारे टूर्नामेंट जीतने का सपना देख रही है?
टीम की रणनीति पर पुनर्विचार की ज़रूरत
चेन्नई सुपर किंग्स को अब अपनी रणनीति पर गहन मंथन करना होगा। बल्लेबाजी क्रम में बदलाव, नए खिलाड़ियों को मौका देना और फॉर्म में न होने वाले खिलाड़ियों को आराम देना अब ज़रूरी हो गया है। केवल ब्रांड वैल्यू और पुराने रिकॉर्ड के सहारे टूर्नामेंट नहीं जीते जा सकते।
टीम के पास अभी भी कुछ मैच बचे हैं, लेकिन अब हर मैच उनके लिए ‘करो या मरो’ की तरह है। यदि टीम को प्लेऑफ की दौड़ में बने रहना है तो ना सिर्फ जीत दर्ज करनी होगी, बल्कि नेट रन रेट को भी सुधारना होगा।
धोनी का भविष्य और CSK की राह
धोनी का आईपीएल करियर लगभग अंतिम चरण में है। इस सीजन में अब तक उनके प्रदर्शन में वो बात नहीं दिखी जिसकी उम्मीद फैन्स ने की थी। कप्तानी में भी वह पहले जैसी आक्रामकता और समझदारी नहीं दिखा पा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या धोनी को इस सीजन के बाद संन्यास लेना चाहिए?
चेन्नई को भविष्य की ओर देखना होगा। टीम को एक बार फिर युवा खिलाड़ियों से मजबूत करना होगा, जैसा उन्होंने 2018 में किया था। शिवम दुबे जैसे खिलाड़ी अभी भी उम्मीद की किरण हैं, लेकिन उन्हें सपोर्ट देने के लिए एक नई कोर टीम तैयार करनी होगी।
फैन्स की भावनाएं और सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं
चेन्नई की हार के बाद सोशल मीडिया पर फैन्स की निराशा साफ झलकी। कई फैन्स ने कहा कि “लगता है ब्रेन स्टॉप्ड वर्किंग”, तो किसी ने धोनी और रहाणे को लेकर रिटायरमेंट की सलाह दे डाली। कुछ फैन्स भावुक होकर बोले, “ये वही टीम है जिसने सालों तक हमें गर्व महसूस कराया, लेकिन अब इस टीम को फिर से बनाना होगा।”
आगे क्या?
चेन्नई सुपर किंग्स को इस हार से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। हार एक अवसर होती है खुद को सुधारने का। यदि टीम अपनी गलतियों से सीखती है, रणनीति बदलती है और नए खिलाड़ियों को मौका देती है, तो IPL 2025 में वापसी अब भी मुमकिन है।
लेकिन अगर अब भी चेन्नई पुराने ढर्रे पर चलती रही, तो यह सीजन केवल हार और अफसोस लेकर खत्म होगा।
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