Israel Gaza Airstrike

Israel Gaza Airstrike: गाजा में तबाही का ताज़ा अध्याय, इज़राइली हमलों में सैकड़ों मौतें, शांति प्रयास धराशायी

Israel Gaza Airstrike: 18 मार्च 2025 को गाजा पट्टी में एक बार फिर खून की बारिश हुई जब इज़राइल ने व्यापक हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों में कम से कम 320 फिलिस्तीनी मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। यह हमला ऐसे समय हुआ जब संघर्षविराम वार्ताएं विफल हो गईं और दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

हमले का कारण: बंधकों की रिहाई में विफलता

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन हमलों का आदेश देते हुए कहा कि हमास बार-बार बंधकों की रिहाई में असफल रहा और शांति वार्ताओं में अड़चन डालता रहा। उनका कहना था कि इज़राइल के पास अब कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

इज़राइली सेना ने पुष्टि की कि उन्होंने गाजा में हमास के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए। सेना के मुताबिक, ये हमले “आतंकवादी ठिकानों” को खत्म करने के लिए किए गए ताकि हमास की सैन्य क्षमताओं को कम किया जा सके।

हमास की प्रतिक्रिया: संघर्षविराम का उल्लंघन

दूसरी ओर, हमास ने इज़राइल पर संघर्षविराम समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि नेतन्याहू की सरकार ने गाजा में रखे गए बंधकों को “अज्ञात भाग्य” के हवाले कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह हमला क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर देगा और नागरिकों की जान खतरे में पड़ती रहेगी।

मानवीय संकट गहराया

गाजा में पहले से ही मानवता कराह रही है, और इन हमलों ने हालत और बदतर बना दी है। हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं, जबकि स्कूलों, अस्पतालों और शरणस्थलों पर भी हमले हुए हैं। बुरी तरह घायल लोग उपचार के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि अस्पतालों में दवाइयों और संसाधनों की भारी कमी है।

एक शरण स्थल के रूप में इस्तेमाल हो रहे स्कूल पर हमले में 52 वर्षीय व्यक्ति और उसका 16 वर्षीय भतीजा मारा गया। बुरी तरह से जख्मी लोगों को अल-अक्सा शहीद अस्पताल में लाया गया, जहां हालत बेहद तनावपूर्ण रही।

अंतरराष्ट्रीय आलोचना और प्रतिक्रिया

इज़राइल की इस कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना हो रही है। तुर्की ने इसे “नरसंहार की नई कड़ी” बताया और तत्काल संघर्षविराम की मांग की। मिस्र ने भी इसे गंभीर उल्लंघन करार दिया और क्षेत्र में शांति प्रयासों को खतरे में डालने वाला कदम बताया।

संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और मानवीय सहायता को सुचारू रूप से गाजा पहुंचाने की अपील की है। साथ ही, कई देशों ने गाजा में नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और वार्ता बहाली की मांग की है।

नागरिकों की पीड़ा

हमलों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। गाजा सिटी, खान यूनिस और देइर अल-बलाह जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। कई आवासीय इमारतें मलबे में तब्दील हो चुकी हैं और लोगों को सुरक्षित स्थान की तलाश है। बिजली, पानी और संचार सेवाएं ठप हो चुकी हैं।

आगे की स्थिति: और बिगड़ने की आशंका

इज़राइल ने गाजा के कई हिस्सों में लोगों को निकासी का आदेश दिया है, जिससे आशंका है कि जमीनी सैन्य अभियान शुरू हो सकता है। इससे पूरे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है और एक बार फिर युद्ध की आशंका मंडराने लगी है।

क्या अब भी शांति संभव है?

गाजा में जो कुछ हो रहा है, वह न केवल फिलिस्तीनियों की बल्कि पूरी मानवता की पीड़ा है। युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता। इस समय सबसे बड़ी जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सक्रिय भूमिका निभाए, वार्ता का मार्ग खोले और इस भीषण मानवीय संकट को टाला जाए।

अगर दुनिया ने अभी हस्तक्षेप नहीं किया, तो आने वाले दिनों में गाजा की धरती और भी ज्यादा खून से लाल हो सकती है। क्या हम इस त्रासदी को रोक पाएंगे या फिर इतिहास एक और दर्दनाक अध्याय का गवाह बनेगा?

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