Karnataka Budget 2025: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 7 मार्च 2025 को अपना 16वां बजट पेश किया, जिसमें राज्य के समग्र विकास के लिए ₹4.095 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। इस बजट में सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचा, सांस्कृतिक संवर्धन और आर्थिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया गया है। आइए, इस बजट की प्रमुख घोषणाओं और उनके संभावित प्रभावों पर विस्तृत नज़र डालते हैं।
Massive push for #Bengaluru infra
Double decker flyover worth Rs 8,916 Cr
Brand Bengaluru: Rs 1,800 crores
Rs 19,000 crores for tunnel road, Rs 150 crores for #Waqf protection
‘Bogus budget, appeasement politics’: #BJP#Karnataka | @aayeshavarma pic.twitter.com/uKmsoDpdE8
— Mirror Now (@MirrorNow) March 7, 2025
सामाजिक कल्याण और समावेशी विकास
बजट में कांग्रेस सरकार की पांच गारंटी योजनाओं के लिए ₹51,034 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ₹94,084 करोड़ और बच्चों के विकास के लिए ₹62,033 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो राज्य के भविष्य को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के समग्र विकास के लिए ₹100 करोड़ और ईसाई समुदाय के लिए ₹250 करोड़ का अनुदान निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्राचीन बौद्ध केंद्र सन्नति में ‘सन्नति विकास प्राधिकरण’ की स्थापना की जाएगी, जो सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में सहायक होगा।
धार्मिक नेताओं के लिए सम्मान
धार्मिक नेताओं के मानदेय में वृद्धि करते हुए, मंदिर पुजारियों का वार्षिक वेतन ₹60,000 से बढ़ाकर ₹72,000 किया गया है। जैन पुजारियों, सिखों के मुख्य ग्रंथियों और मस्जिदों के पेश-इमामों के मानदेय को ₹6,000 प्रति माह और सहायक ग्रंथियों एवं मुअज्जिनों के मानदेय को ₹5,000 प्रति माह किया गया है। बेंगलुरु में हज भवन में हज यात्रियों और उनके परिजनों के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के साथ एक नई इमारत का निर्माण भी प्रस्तावित है।
बेंगलुरु के लिए विशेष प्रावधान
राज्य की राजधानी बेंगलुरु के विकास के लिए बजट में ₹7,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। ‘ब्रांड बेंगलुरु’ पहल के तहत 21 परियोजनाओं के लिए ₹1,800 करोड़ निर्धारित किए गए हैं। इनमें ‘समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम’ शामिल है, जिसे अगले तीन वर्षों में ₹413 करोड़ की लागत से लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य बेंगलुरु को वैश्विक स्वास्थ्य मानकों वाला शहर बनाना है।
यातायात समस्या के समाधान के लिए 40.5 किमी लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर ₹8,916 करोड़ की लागत से और ‘नम्मा मेट्रो फेज-3’ परियोजना के साथ बनाया जाएगा। इसके अलावा, नहर बफर जोन का उपयोग करके ₹3,000 करोड़ की लागत से 300 किमी अतिरिक्त सड़कों का नेटवर्क बनाया जाएगा। बीबीएमपी क्षेत्र में 460 किमी लंबी मुख्य और उप-मुख्य सड़कों के नेटवर्क का विकास ₹660 करोड़ की लागत से किया जाएगा, जबकि शहर में 120 किमी लंबे फ्लाईओवर और ग्रेड सेपरेटर का निर्माण भी प्रस्तावित है।
बेंगलुरु की जल निकासी और सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ₹3,000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना किया जा सके। इसके अलावा, कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के पांचवें चरण के लिए ₹555 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य 110 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराना है। बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क को 98.60 किमी तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे देवनहल्ली तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा। शहर के उत्तरी क्षेत्र में ₹150 करोड़ की लागत से 200 बिस्तरों वाला अस्पताल भी बनाया जाएगा। बढ़ते यातायात को ध्यान में रखते हुए, शहर के बाहरी इलाके में एक नया सैटेलाइट मार्केट स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर ‘डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी’ किया जाएगा, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री को सम्मानित किया जा सके।
सांस्कृतिक संवर्धन और मनोरंजन
कन्नड़ भाषा कार्यक्रमों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार अपनी खुद की ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगी, जिससे स्थानीय कलाकारों और निर्माताओं को नया मंच मिलेगा। इसके अलावा, राज्यभर में मल्टीप्लेक्स में टिकट की अधिकतम कीमत ₹200 तक सीमित की गई है, जिससे सिनेमा प्रेमियों को राहत मिलेगी।
आर्थिक सुधार और निवेश
बजट में ₹82,000 करोड़ की पूंजी निवेश की योजना बनाई गई है, जिससे कर्नाटक को उच्चतम पूंजी निवेश करने वाले राज्यों में शामिल किया जा सके। शराब की कीमतों की समीक्षा कर उन्हें पड़ोसी राज्यों के समान करने का प्रस्ताव है, जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि की संभावना है। इसके अलावा, सरकारी निविदाओं और ठेकों में मुस्लिमों के लिए 4% आरक्षण की घोषणा की गई है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
पत्रकारों और अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान
कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे पत्रकारों के लिए मासिक पेंशन ₹12,000 से बढ़ाकर ₹15,000 की गई है, जबकि परिवार पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹7,500 की गई है। अल्पसंख्यक छात्रों के लिए राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति राशि ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख की गई है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा में सहायता मिलेगी। अल्पसंख्यक युवाओं को नए स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।