Kunal Kamra controversy: शुक्रवार रात मुंबई के प्रसिद्ध हैबिटेट कॉमेडी क्लब में कुणाल कामरा ने एक व्यंग्यात्मक गीत प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को “गद्दार” कहा। यह टिप्पणी 2022 में शिंदे द्वारा अपनी राजनीतिक निष्ठा बदलने और पिछली राज्य सरकार को गिराने में उनकी भूमिका के संदर्भ में थी।
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— Kunal Kamra (@kunalkamra88) March 24, 2025
इस प्रदर्शन का वीडियो ऑनलाइन वायरल होने के बाद, रविवार रात लगभग 20 शिवसेना समर्थकों ने क्लब में तोड़फोड़ की, कुर्सियाँ फेंकी, पोस्टर फाड़े और लाइट फिटिंग तोड़ी। पुलिस ने शिवसेना की युवा शाखा के नेता राहुल कनाल सहित 10 से अधिक लोगों को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।
कुणाल कामरा की प्रतिक्रिया
कुणाल कामरा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपने व्यंग्य के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, “जहाँ तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक प्रणाली के सर्कस पर मजाक करना कानून के खिलाफ नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे इस भीड़ से नहीं डरते और “अपने बिस्तर के नीचे छिपने वाले नहीं हैं।”
राजनीतिक और कानूनी प्रतिक्रियाएँ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कामरा की आलोचना करते हुए कहा कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अपनी सीमाएँ होती हैं। आप किसी का अपमान नहीं कर सकते।” उन्होंने यह भी कहा, “ऐसे लोगों को बख्शने की जरूरत नहीं है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे।”
राज्य के गृह मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पुलिस कामरा का पता लगाने की कोशिश कर रही है और उनके फोन रिकॉर्ड और बैंक खाते की जांच करेगी ताकि यह पता चल सके कि उनके चुटकुलों के पीछे कोई “मास्टरमाइंड” या राजनीतिक साजिश है या नहीं।
हैबिटेट कॉमेडी क्लब पर प्रभाव
शिवसेना के नेताओं ने यह दावा किया कि हैबिटेट कॉमेडी क्लब “अवैध” है। स्थानीय नगरपालिका परिषद की एक विध्वंस टीम सोमवार को स्थल पर पहुंची और इमारत के कुछ हिस्सों को अवैध निर्माण के आधार पर ध्वस्त करना शुरू कर दिया।
क्लब ने एक बयान में कहा कि वे “हैरान, चिंतित और हाल की तोड़फोड़ की घटनाओं से बेहद टूटे हुए हैं।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे अस्थायी रूप से बंद हो रहे हैं जब तक कि वे “मुक्त अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं खोज लेते, बिना खुद को और अपनी संपत्ति को खतरे में डाले।”
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ती चिंताएँ
यह घटना भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए बढ़ते खतरों को उजागर करती है। पिछले कुछ वर्षों में, कई कॉमेडियन और कलाकारों को उनके प्रदर्शन के लिए कानूनी कार्रवाइयों और धमकियों का सामना करना पड़ा है।
2021 में, एक मुस्लिम कॉमेडियन को हिंदू देवताओं का अपमान करने वाले कथित “अश्लील” चुटकुलों के लिए हफ्तों तक हिरासत में रखा गया था, जबकि उन्होंने वह प्रदर्शन कभी किया ही नहीं था। उसी वर्ष, कॉमेडियन वीर दास को एक कॉमेडी मोनोलॉग के बाद प्रतिक्रिया और पुलिस रिपोर्टों का सामना करना पड़ा, जिसमें राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों को उठाया गया था।
कुणाल कामरा का यह दृढ़ रुख और उनके खिलाफ की गई कार्रवाइयाँ भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक व्यंग्य की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला कैसे विकसित होता है और यह देश में रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर क्या प्रभाव डालता है।