Meghalaya honeymoon murder

Meghalaya honeymoon murder: पत्नी सोनम और प्रेमी की चौथी साजिश में गई राजा रघुवंशी की जान

Meghalaya honeymoon murder: विवाह, विश्वास और विश्वासघात का घातक त्रिकोण। इंदौर निवासी ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजा रघुवंशी की मेघालय के सुरम्य झरनों के बीच हत्या कोई अचानक की गई क्रूरता नहीं थी — यह एक महीनों से चल रही खतरनाक और सोच-समझकर बनाई गई साजिश का हिस्सा थी, जिसे उनकी ही पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाहा ने मिलकर अंजाम दिया।

हत्या नहीं, विश्वास का बलात्कार

फरवरी 2025 से ही सोनम और राज कुशवाहा ने राजा रघुवंशी को रास्ते से हटाने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। शुरुआती विचारों में सोनम को “मृत घोषित” कर फरार होना, किसी और महिला की हत्या कर उसका शव जलाना और सोनम के नाम से पेश करना जैसे खौफनाक प्लान शामिल थे। एक योजना में तो सोनम को नदी में कूदकर ‘लापता’ दिखाना था, जिससे यह लगे कि वह किसी हादसे का शिकार हो गई।

इन सभी योजनाओं का उद्देश्य एक ही था — राजा को हटा कर सोनम और राज का एक नया जीवन शुरू करना। यह कोई तात्कालिक अपराध नहीं, बल्कि योजनाबद्ध मानसिक विकृति का जीता-जागता प्रमाण है।

चार प्रयास, चौथी बार बनी राजा की मौत की वजह

मेघालय पुलिस की तफ्तीश से सामने आया कि राजा की हत्या से पहले तीन बार प्रयास किया गया, जो नाकाम रहे

  1. गुवाहाटी में पहला प्रयास: शव को नदी में फेंकने की योजना थी लेकिन परिस्थिति अनुकूल नहीं होने से छोड़ दी गई।
  2. सोहरा में दूसरा प्रयास: प्राकृतिक स्थल चुनकर हत्या की योजना बनाई गई, लेकिन भीड़भाड़ के चलते असफल रही।
  3. तीसरा प्रयास: एक पहाड़ी रास्ते पर राजा को गिराकर मारने की योजना थी, लेकिन सोनम की हिचक ने योजना बिगाड़ दी।
  4. चौथा प्रयास — सफल: 23 मई 2025 को वीसॉडोंग फॉल्स (Weisawdong Falls) के पास, जब राजा टॉयलेट के लिए नीचे उतरे, तो सोनम ने अपने साथियों को इशारा दिया। राज कुशवाहा और अन्य तीन लोगों ने मिलकर राजा पर चाकू से हमला किया और उनका शव गहरे गॉर्ज में फेंक दिया।

यह सब कुछ दोपहर 2:00 से 2:20 बजे के बीच हुआ। सोनम मौके पर मौजूद रही, ताकि घटना को ‘दुर्घटना’ के रूप में दर्शाया जा सके।

मास्टरमाइंड कौन? प्रेम, लालच या निजी स्वार्थ?

पुलिस जांच में पाया गया कि हत्या का मुख्य सूत्रधार राज कुशवाहा था। वह सोनम का सहकर्मी और कथित प्रेमी था। दोनों के बीच महीनों से नजदीकी बढ़ रही थी।

तीनों अन्य साथी — विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी — राज के दोस्त थे, जिन्होंने इस हत्या में किसी आर्थिक लाभ के बजाय ‘दोस्ती के नाम पर’ साथ दिया। यह हत्या एक प्रेम प्रसंग का दुखद और क्रूर अंत बन गई।

हत्या के बाद भागने की चालाकी और भेषबदल

हत्या के बाद पांचों आरोपी अपने-अपने रास्तों पर निकल पड़े

सोनम ने खून से सना हुआ जैकेट आकाश को दिया, जो उसने बाथरूम में छिपाया।
खुद सोनम ने बुरका पहनकर गुवाहाटी से सिलीगुड़ी, फिर पटना, लखनऊ होते हुए इंदौर तक का सफर तय किया।
9 जून को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
राजा का शव 2 जून को बरामद किया गया, जब स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी।

पुलिस की तेज़ कार्यवाही और न्याय की दिशा

मेघालय पुलिस ने घटना के तुरंत बाद तेज़ी से काम किया

पांचों आरोपियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया
सभी से लंबी पूछताछ चल रही है और जल्द ही क्राइम सीन रीक्रिएशन किया जाएगा
पुलिस को उम्मीद है कि अगले 90 दिनों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा सकेगी

परिवार का दर्द और सामाजिक सवाल

राजा के परिवार ने इस घटना को “पूरा विश्वासघात” बताया है। उनका कहना है कि सोनम ने परिवार की भावनाओं से खेला और शादी को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया।

दूसरी तरफ, सोनम के पिता ने कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और पुलिस द्वारा झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

इस केस ने समाज में गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या आज रिश्तों का मतलब केवल फायदे तक सीमित रह गया है? क्या शादी अब एक सौदा बन चुकी है?

मुख्य बिंदु संक्षेप में

तत्व : विवरण
मृतक : राजा रघुवंशी (29), इंदौर निवासी
प्रमुख आरोपी : सोनम रघुवंशी (पत्नी), राज कुशवाहा (प्रेमी), 3 अन्य साथी
हत्या की तारीख : 23 मई 2025
जगह : वीसॉडोंग फॉल्स, मेघालय
प्रयासों की संख्या : 4 (3 असफल, चौथा सफल)
गिरफ्तारी : 9 जून 2025
पुलिस कार्रवाई : पूछताछ, सबूत, क्राइम सीन पुनर्निर्माण
सामाजिक प्रभाव : रिश्तों की संकीर्णता और नैतिक पतन पर बहस

रिश्तों का नया चेहरा?

यह केस न केवल कानून और अपराध की दृष्टि से, बल्कि सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी गंभीर चेतावनी देता है। विश्वास, प्रेम और विवाह जैसे शब्द जब स्वार्थ, धोखा और लालच से ग्रसित हो जाएं, तो उनकी परिणति सिर्फ मौत नहीं होती — समाज की आत्मा पर चोट होती है।

क्या यह मामला हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सबक बनेगा? या फिर यह भी बस एक और ‘क्राइम स्टोरी’ बनकर रह जाएगा?

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