Mehul Choksi arrested in Belgium: भारत में 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को हाल ही में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अनुरोध पर हुई, और भारत सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
Fugitive Mehul Choksi has been arrested in Belgium on India’s extradition request in the PNB fraud case. He was reportedly living in Antwerp with his wife on a residency card. Watch video for more details https://t.co/rXFUovO08O pic.twitter.com/eZBtvTgZ4T
— Hindustan Times (@htTweets) April 14, 2025
बेल्जियम में गिरफ्तारी: क्या है मामला?
मेहुल चोकसी, जो पहले एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता लेकर वहां रह रहे थे, अब बेल्जियम के एंटवर्प में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने वहां ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ प्राप्त किया है, जिसे उन्होंने कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हासिल किया था।
CBI ने जब चोकसी को बेल्जियम में देखा, तो तुरंत वहां की सरकार को औपचारिक संप्रेषण भेजकर उनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग की। इसके जवाब में, बेल्जियम पुलिस ने मुंबई कोर्ट द्वारा जारी दो खुली गिरफ्तारी वारंट्स के आधार पर चोकसी को हिरासत में लिया।
भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि: क्या कहती है?
भारत और बेल्जियम के बीच 2020 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संधि के अनुसार, दोनों देश एक-दूसरे को ऐसे व्यक्तियों को सौंपने के लिए बाध्य हैं, जो उनके यहां अपराधी हैं या जिन पर सजा हो चुकी है। इस संधि में टैक्स, राजस्व और वित्त से संबंधित अपराध भी शामिल किए गए हैं।
हालांकि, संधि में कुछ अपवाद भी हैं, जैसे राजनीतिक अपराधों के मामलों में प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है। लेकिन PNB घोटाला एक आर्थिक अपराध है, इसलिए इस पर यह अपवाद लागू नहीं होता।
कानूनी चुनौतियाँ और संभावनाएँ
मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि चोकसी अब भारत के नागरिक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। उनका तर्क है कि अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार, व्यक्ति को उसके उस देश को प्रत्यर्पित किया जाता है, जहां का वह नागरिक होता है।
हालांकि, बेल्जियम में उनकी गिरफ्तारी और भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि के तहत, भारत सरकार के पास उन्हें वापस लाने का मजबूत कानूनी आधार है। अब यह देखना होगा कि बेल्जियम की अदालतें इस मामले में क्या निर्णय लेती हैं।
मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि और CBI की सक्रियता के चलते, चोकसी को भारत लाना अब संभव प्रतीत होता है। हालांकि, कानूनी प्रक्रियाएं और चोकसी के वकीलों की चुनौतियाँ इस प्रक्रिया को जटिल बना सकती हैं। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि क्या भारत चोकसी को वापस लाने में सफल होता है या नहीं।
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