Men climbs Dargah with saffron flags: प्रयागराज के सिकंदरा क्षेत्र में राम नवमी के अवसर पर एक अप्रिय घटना सामने आई, जहां रविवार को कुछ युवकों ने ग़ाज़ी मियां की दरगाह के गेट पर चढ़कर भगवा झंडे लहराए और नारेबाजी की। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन युवकों को वहां से हटाया और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
On the occasion of Ram Navami, A mob created ruckus at the dargah of Salar Masood Ghazi in the Sangam city of Prayagraj. They can be seen carrying saffron flags and a few were climbing on the roof of the dargah entrance and raising provocative slogans while waving the flag near… pic.twitter.com/0tVMbA7lxi
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 6, 2025
गंगा नगर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि इस मामले में संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ग़ाज़ी मियां की दरगाह में पांच मज़ारें हैं, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग चादर चढ़ाने आते हैं। इस मामले की जांच जारी है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश के विभिन्न हिस्सों में राम नवमी के दौरान सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2022 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनके राज्य में राम नवमी के अवसर पर 800 से अधिक स्थानों पर जुलूस निकाले गए और रमज़ान का महीना भी चल रहा था, लेकिन कहीं भी कोई झगड़ा या दंगा नहीं हुआ। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में दंगा-फसाद के लिए कोई जगह नहीं है।
हालांकि, अन्य राज्यों में राम नवमी के दौरान हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में इस दौरान हिंसक झड़पें और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे देशभर में सियासी माहौल गर्म हो गया है।
इसके अलावा, जनवरी 2023 में आगरा की दीवान जी की बेगम शाही मस्जिद में लगभग 1,000-1,500 लोग लाठी-डंडे लेकर जबरन घुस गए थे। वहां भगवा झंडे लगाए गए और धार्मिक नारे भी लगाए गए। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इसी तरह, मार्च 2023 में मथुरा में राम नवमी के जुलूस के दौरान कुछ युवकों ने चौक बाजार स्थित जामा मस्जिद के पास बनी दुकानों पर चढ़कर भगवा झंडा फहराया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार किया और स्थिति को शांत किया।
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। समाज के सभी वर्गों को मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जो समाज में विभाजन और तनाव पैदा करने की कोशिश करते हैं। धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सम्मान को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
प्रशासन और पुलिस को भी चाहिए कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, समाज के सभी वर्गों को आपसी समझ और सहयोग के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करना चाहिए।
धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाना चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। सामाजिक संगठनों और स्थानीय समुदायों को भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए शांति और सद्भावना के संदेश का प्रचार करना चाहिए।
अंत में, हमें यह समझना होगा कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है। सभी धर्मों और समुदायों के प्रति सम्मान और सहिष्णुता का भाव रखते हुए ही हम एक सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।
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