Murshidabad violence over Waqf amendment act: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उत्पन्न हिंसा ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की तैनाती की गई है।
वक्फ संशोधन अधिनियम: विवाद की जड़
2024 में पारित वक्फ संशोधन अधिनियम ने 1995 के वक्फ अधिनियम में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति, संपत्ति दान पर प्रतिबंध, और वक्फ ट्रिब्यूनल की कार्यप्रणाली में परिवर्तन शामिल हैं। इन संशोधनों के खिलाफ मुर्शिदाबाद में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जो बाद में हिंसक हो गए।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि यह अधिनियम राज्य में लागू नहीं किया जाएगा और उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस हिंसा को “पूर्व नियोजित” बताते हुए इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करार दिया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य इस अधिनियम के खिलाफ असंतोष को भड़काने में शामिल हैं।
हिंसा की घटनाएं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुर्शिदाबाद के साजुर क्रॉसिंग पर हुई हिंसा में दो नाबालिगों को गोली लगी, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए हैं और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
न्यायपालिका की भूमिका
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की कार्रवाई को अपर्याप्त मानते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि यदि पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती की गई होती, तो स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता था।
मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा ने राज्य की राजनीति में गहराई से असर डाला है। जहां एक ओर सरकार शांति बनाए रखने की अपील कर रही है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की विफलता के रूप में देख रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार और न्यायपालिका मिलकर कैसे स्थिति को सामान्य करती हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।
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