
Myanmar earthquake: 28 मार्च 2025 को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों को हिला कर रख दिया। इस भूकंप का प्रभाव थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किया गया, जहां एक निर्माणाधीन 33-मंजिला गगनचुंबी इमारत ढह गई, जिससे कम से कम तीन मजदूरों की मौत हो गई और 81 से अधिक लोग मलबे में फंस गए।
भूकंप का प्रभाव और तबाही
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— DNA (@dna) March 31, 2025
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म्यांमार में आए इस भूकंप के झटके थाईलैंड, चीन और भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में भी महसूस किए गए। म्यांमार में कई इमारतें ढह गईं और भारी नुकसान हुआ, जबकि बैंकॉक में इमारतों में दरारें पड़ गईं और सड़कें फट गईं। थाईलैंड में इमरजेंसी का ऐलान किया गया और सेना को मदद के लिए बुलाया गया।
बैंकॉक में इमारत ढहने की घटना
बैंकॉक के चाटुचाक मार्केट के पास स्थित इस निर्माणाधीन इमारत का निर्माण इटालियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम द्वारा किया जा रहा था। भूकंप के झटकों के कारण इमारत अचानक ढह गई, जिससे आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई।
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और घटना की त्वरित जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के पीछे के कारणों का पता लगाना आवश्यक है, विशेष रूप से निर्माण में चीनी कंपनी की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए।
अंतरराष्ट्रीय सहायता और समर्थन
इस आपदा के बाद, विश्व बैंक ने म्यांमार और थाईलैंड के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और पुनर्निर्माण प्रयासों में सहायता की पेशकश की।
भविष्य की तैयारियां और सतर्कता
इस भूकंप ने एक बार फिर दिखाया कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता और मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता है। थाईलैंड और म्यांमार की सरकारों को अब अपने भूकंप प्रतिरोधी निर्माण मानकों की समीक्षा करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
म्यांमार में आए इस विनाशकारी भूकंप ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। बैंकॉक में इमारत ढहने की घटना ने निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं। अब आवश्यक है कि सरकारें त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
Source: Navbharat Times