October 11, 2025
Myanmar earthquake

Myanmar earthquake: म्यांमार में भूकंप की तबाही, 1700 से अधिक की मौत, बचाव कार्य जारी, सैटेलाइट इमेज से दिखी भयावहता

Myanmar earthquake: म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस आपदा में अब तक 1,700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और यह संख्या बढ़ने की आशंका है। भूकंप का केंद्र मंडाले क्षेत्र के पास था, लेकिन इसके झटके थाईलैंड, चीन, भारत और बांग्लादेश तक महसूस किए गए।

सैटेलाइट इमेज से दिखी तबाही

नवीनतम सैटेलाइट छवियों से पता चला है कि मंडाले और सागाइंग क्षेत्रों में भारी विनाश हुआ है। इमारतों के ढहने, सड़कों में गहरी दरारें और पुलों के टूटने की भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। कुछ स्थानों पर पूरा भूभाग खिसक गया है, जिससे संचार और बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह भूकंप क्षेत्र में भूगर्भीय अस्थिरता को दर्शाता है, जिससे भविष्य में और अधिक झटकों की संभावना बनी हुई है।

भूकंप का प्रभाव

मंडाले शहर में ऐतिहासिक इमारतें और बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति पहुंची है। सागाइंग क्षेत्र में एक प्रमुख पुल के ढहने की सूचना है, जिससे परिवहन व्यवस्था बाधित हुई है। राजधानी नेपीडॉ, क्युक्से, पिइन ओ ल्विन और श्वेबो जैसे शहरों में भी भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय आबादी में भय और अफरा-तफरी का माहौल है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत ने इस संकट की घड़ी में म्यांमार की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत 15 टन से अधिक राहत सामग्री म्यांमार भेजेगा, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। यह सामग्री भारतीय वायु सेना के सी-130जे विमान द्वारा हिंडन वायुसेना स्टेशन से भेजी जाएगी।

राहत और बचाव कार्य

म्यांमार सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय सहायता की अपील की है और राहत कार्यों के लिए सेना को तैनात किया है। स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय राहत एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और सहायता कार्यों में जुटी हैं। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक संघर्षों के कारण राहत प्रयासों में चुनौतियां आ रही हैं। बर्मा कैंपेन यूके के निदेशक मार्क फ़ार्मानर के अनुसार, सेना द्वारा सूचनाओं पर कड़ा नियंत्रण और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रशासन के कारण सहायता पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।

धार्मिक स्थलों पर प्रभाव

भूकंप के समय रमज़ान के शुक्रवार की नमाज़ के दौरान मस्जिदों में भारी भीड़ थी। कई मस्जिदों के संरचनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण, इनमें से कुछ इमारतें ढह गईं, जिससे बड़ी संख्या में हताहत हुए हैं। एक मस्जिद में लगभग 50 लोगों की मौत की आशंका है, हालांकि इन आंकड़ों की पुष्टि अभी बाकी है।

भविष्य की चुनौतियां

भूकंप के बाद के झटकों (आफ्टरशॉक्स) की संभावना बनी हुई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में और झटके आ सकते हैं, जिससे बचाव और राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

म्यांमार में आए इस विनाशकारी भूकंप ने देश को भारी मानवीय और भौतिक क्षति पहुंचाई है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर भारत, ने सहायता के लिए तत्परता दिखाई है, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों के कारण राहत कार्यों में कठिनाइयां आ रही हैं। स्थानीय समुदायों, सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संयुक्त प्रयासों से ही इस आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है और प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सकती है।

 

Kiran Mankar

Kiran Mankar - Admin & Editor, Jana Vichar.Kiran manages and curates content for Jana Vichar, a platform dedicated to delivering detailed, trending news from India and around the world. Passionate about journalism, technology, and the evolving landscape of human relationships, Kiran ensures that every story is engaging, insightful, and relevant. With a focus on accuracy and a human-centered approach, Kiran strives to keep readers informed with meaningful news coverage.

View all posts by Kiran Mankar →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *