Myanmar earthquake: म्यांमार में हाल ही में आए भूकंपों ने देश को गहरे संकट में डाल दिया है। शुक्रवार, 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद, रविवार को मांडले के निकट 5.1 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) ने इसकी तीव्रता 5.1 मापी, जबकि भारत के राष्ट्रीय सिस्मोलॉजी केंद्र (NCS) ने 4.6 और यूरोपीय-मेडिटेरेनियन सिस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने 5.2 की तीव्रता दर्ज की।
शुक्रवार के भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई, जिसमें कम से कम 1,644 लोगों की मौत हुई और 3,408 से अधिक घायल हुए। इसके अलावा, 139 लोग अभी भी लापता हैं, और अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। भूकंप का केंद्र मांडले के पास था, और इसके प्रभाव से कई इमारतें ध्वस्त हो गईं, सड़कें अवरुद्ध हो गईं, और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा।
रविवार को आए 5.1 तीव्रता के झटके को शुक्रवार के मुख्य भूकंप के बाद के झटकों में से एक माना जा रहा है। हालांकि इस नवीनतम झटके से किसी बड़ी क्षति या हताहत की सूचना नहीं मिली है, लेकिन यह पहले से ही संकटग्रस्त क्षेत्र में भय और चिंता बढ़ा रहा है।
इस प्राकृतिक आपदा के बीच, राहत और बचाव कार्यों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना कठिन हो गया है। इसके अलावा, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे घायलों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय निवासी और स्वयंसेवक मलबे के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भारी मशीनरी की कमी के कारण यह कार्य धीमा हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता मिलने लगी है। चीन, रूस, भारत, थाईलैंड और सिंगापुर से बचाव और चिकित्सा दल म्यांमार पहुंच चुके हैं, और अन्य देशों ने भी सहायता का वादा किया है। हालांकि, देश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य शासन के कारण राहत कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। विपक्षी राष्ट्रीय एकता सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत प्रयासों में सहायता के लिए अस्थायी संघर्ष विराम की घोषणा की है।
म्यांमार में आए इस भूकंप का प्रभाव पड़ोसी देशों में भी महसूस किया गया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक ऊंची इमारत के गिरने से कम से कम 11 लोगों की मौत हुई।
इस आपदा ने म्यांमार की सैन्य सरकार की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो पहले से ही विद्रोह और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भूकंप देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता को और कमजोर कर सकता है।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियां प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की क्षति और जारी संघर्ष के कारण यह कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। म्यांमार की जनता इस कठिन समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक समर्थन और सहायता की अपेक्षा कर रही है।