Narendra Modi’s visit to America: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच तेल और गैस आपूर्ति को लेकर एक बड़ा समझौता किया गया, जिससे अमेरिका भारत के लिए प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बनेगा।
Prime Minister Narendra Modi met US President Donald Trump at White House in Washington, DC on 13th February. This meeting was the first between the two leaders after the inauguration of President Trump as the 47th US President on January 20, 2025. pic.twitter.com/SlKZcYrVxG
— ANI (@ANI) February 14, 2025
मोदी-ट्रंप की ऐतिहासिक बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय अमेरिका दौरे के दौरान व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह उनकी जनवरी 20 को ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद पहली बैठक थी। दोनों नेताओं ने परस्पर मजबूत संबंधों की सराहना की और भविष्य में और बेहतर व्यापारिक समझौतों की उम्मीद जताई।
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब ट्रंप ने ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ (पारस्परिक शुल्क) लगाने की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने भारत को उन देशों में शामिल किया था जो अमेरिका पर उच्च शुल्क लगाते हैं। इससे भारत-अमेरिका व्यापार पर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही थी।
मोदी की व्यस्त अमेरिकी यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा गुरुवार को वाशिंगटन डीसी पहुंचने के साथ शुरू हुआ। इस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी नेता विवेक रामास्वामी से भी मुलाकात की।
व्हाइट हाउस में अपनी बैठक से पहले, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों पर बराबर शुल्क लगाने की अपनी नीति घोषित की। उन्होंने कहा कि अमेरिका उन्हीं दरों पर शुल्क लगाएगा, जो दूसरे देश उस पर लगाते हैं। ट्रंप ने भारत को “सबसे ज्यादा शुल्क लगाने वाले देशों में से एक” बताया। इससे संकेत मिलता है कि भारत से अमेरिका में होने वाले निर्यात पर नए शुल्क लगाए जा सकते हैं।
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर
ट्रंप की नई नीति भारत-अमेरिका व्यापार को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि “अब कोई अधिक या कम नहीं होगा… जो भी शुल्क हम पर लगाया जाएगा, हम भी वही शुल्क लगाएंगे।” इससे भारत के लिए अमेरिका में निर्यात करना महंगा हो सकता है।
हालांकि, इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को लेकर सकारात्मक वार्ता की। ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता हुआ, जिसके तहत अमेरिका भारत के लिए प्रमुख तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बनेगा। यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा और अमेरिका के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
अन्य महत्वपूर्ण बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान कई उच्चस्तरीय बैठकें हुईं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गैबार्ड से भी मुलाकात की। खास बात यह रही कि तुलसी गैबार्ड ने इसी दिन अमेरिका की खुफिया निदेशक के रूप में शपथ ली थी और कुछ ही घंटे बाद मोदी से मुलाकात की।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी से भी मुलाकात की, जो अमेरिका में एक उभरते हुए नेता के रूप में देखे जा रहे हैं।
फ्रांस दौरे के बाद अमेरिका पहुंचे मोदी
अमेरिका दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पर थे, जहां उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सिविल न्यूक्लियर एनर्जी जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
मोदी की ट्रंप से दोस्ती
अमेरिकी दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह अपने “मित्र” डोनाल्ड ट्रंप से मिलने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुई प्रगति को याद किया और कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करने का अवसर होगी।
नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रही। एक ओर, ट्रंप की नई शुल्क नीति से भारत-अमेरिका व्यापार पर असर पड़ सकता है, तो वहीं दूसरी ओर, तेल और गैस आपूर्ति को लेकर हुआ समझौता भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है। मोदी और ट्रंप के बीच हुई यह वार्ता दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने में सहायक होगी और आने वाले समय में व्यापारिक संतुलन बनाने के लिए और समझौतों की उम्मीद की जा सकती है।