NCW reacts on rape threats to Apoorva Mukhija: NCW ने उठाई आवाज़, अपूर्वा मुखिजा को ‘Latent’ विवाद के बाद मिली रेप की धमकियों पर सख्त कार्रवाई की मांग: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपूर्वा मुखिजा को हाल ही में ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो में उनकी उपस्थिति के बाद से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बलात्कार और जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
On the directions of Chairperson Smt. Vijaya Rahatkar, the National Commission for Women has taken suo motu cognisance of rape and death threats issued to digital content creator Ms. Apoorva Mukhija. She had appeared before the Commission earlier and tendered an apology for her…
— NCW (@NCWIndia) April 10, 2025
विवाद की शुरुआत
कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में अपूर्वा मुखिजा और यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की उपस्थिति के दौरान की गई टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर भारी विवाद खड़ा कर दिया। रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से भी जाना जाता है, ने शो में माता-पिता और सेक्स से संबंधित एक सवाल पूछा, जिसे कई लोगों ने आपत्तिजनक माना।
इस टिप्पणी के वायरल होने के बाद, मुंबई और गुवाहाटी में उनके खिलाफ पुलिस शिकायतें दर्ज की गईं। वहीं, विवाद बढ़ने के साथ-साथ शो की अन्य प्रतिभागियों, विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाया जाने लगा।
अपूर्वा मुखिजा पर प्रभाव
इस विवाद के बाद, अपूर्वा मुखिजा को सोशल मीडिया पर बलात्कार और जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगीं। उनकी करीबी मित्र और कंटेंट क्रिएटर रिदा थराना ने इन धमकियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कुछ लोग महिलाओं से सिर्फ उनके महिला होने के कारण नफरत करते हैं — सिर्फ उनके अस्तित्व में होने, आत्म-स्वीकृति और आत्मनिर्भर बनने की हिम्मत के लिए।
यह स्थिति हमारे समाज में ऑनलाइन महिलाओं के प्रति बढ़ते साइबर उत्पीड़न की गंभीरता को उजागर करती है। यह केवल अपूर्वा की बात नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक समस्या का संकेत है।
NCW की सख्त प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि “आयोग किसी भी महिला के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग सहन नहीं करेगा।” उन्होंने बताया कि रणवीर अल्लाहबादिया, अपूर्वा मुखिजा और शो के निर्माता सभी ने आयोग के समक्ष पेश होकर अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगी है और भविष्य में अधिक सतर्क रहने का आश्वासन दिया है।
यह पहल महिला सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह भी स्पष्ट करता है कि ऑनलाइन ट्रोलिंग के खिलाफ ठोस कानूनी और सामाजिक कदम उठाने की ज़रूरत है।
कानूनी कार्यवाही और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
रणवीर अल्लाहबादिया ने गुवाहाटी पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत तो दी, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया कि शो को केवल तभी जारी रहने की अनुमति दी जाएगी जब उसमें शालीनता और नैतिकता का ध्यान रखा जाएगा।
यह फैसला दर्शाता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है, विशेषकर जब सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे सार्वजनिक मंचों पर करोड़ों लोग उसे देख और सुन रहे होते हैं।
‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ विवाद से यह साफ हो गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे लोगों को अपनी भाषा और कंटेंट को लेकर अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन धमकियाँ और हिंसा हमारे समाज में गहराई तक जड़ें जमा चुकी हैं।
समाज, सरकार और टेक कंपनियों को मिलकर ऐसे मामलों में तुरंत और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि महिलाएं निर्भय होकर अपनी बात कह सकें और डिजिटल स्पेस को एक सुरक्षित मंच बनाया जा सके।
अधिक समाचारों के लिए पढ़ते रहें जनविचार।
Source: Hindustan Times