Odisha Train Accident

Odisha Train Accident: ओडिशा रेल हादसा, बेंगलुरु-कामाख्या एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे, 1 की मौत, 8 घायल

Odisha Train Accident: ओडिशा के कटक जिले में रविवार, 30 मार्च 2025 को एक गंभीर रेल दुर्घटना हुई, जिसमें बेंगलुरु-कामाख्या एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में एक यात्री की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। यह घटना सुबह 11:54 बजे निर्गुंडी स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन महानदी नदी को पार करने के बाद मंगुली स्टेशन के निकट पहुंची।

दुर्घटना का विवरण:

सूत्रों के अनुसार, सभी एयर-कंडीशन्ड डिब्बे पटरी से उतर गए, संभवतः ट्रैक में आई किसी समस्या के कारण। सौभाग्य से, ट्रेन की गति कम होने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रित किया गया।

राहत और बचाव कार्य:

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल सेवा और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं। घायलों को तुरंत कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से ट्रेन से उतार लिया गया है, और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।

यात्रियों के लिए सहायता:

रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं: 8455885999 और 8991124238। इन नंबरों पर संपर्क करके वे आवश्यक जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था की जा रही है।

दुर्घटना के संभावित कारण:

हालांकि दुर्घटना के सटीक कारणों की जांच जारी है, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पटरी में आई तकनीकी खराबी या रखरखाव में कमी इस हादसे का कारण हो सकती है। रेलवे सुरक्षा पर सरकार की एक रिपोर्ट में पाया गया कि 2019-20 के दौरान रेलवे दुर्घटनाओं में 70 प्रतिशत मामलों में हादसे का कारण ट्रेनों का पटरी से उतरना रहा। इससे स्पष्ट होता है कि ट्रैक की नियमित निगरानी और रखरखाव की आवश्यकता है।

रेलवे सुरक्षा और भविष्य की चुनौतियाँ:

भारत में रेलवे नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी थी कि देश के ज़्यादातर रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे उन पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार वाली ट्रेनें दौड़ाई जा सकें। इसके अलावा, भारत की रेलवे लाइनों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली गाड़ियों के लायक़ बनाया जा रहा है। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं रेलवे के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं।

यात्रियों की प्रतिक्रिया:

घटना के समय ट्रेन में सवार कई यात्रियों ने अपने अनुभव साझा किए। एक यात्री ने बताया, “अचानक एक जोरदार झटका महसूस हुआ, और डिब्बे में अफरा-तफरी मच गई। सौभाग्य से, हम सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।” दूसरे यात्री ने कहा, “रेलवे अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया से हमें राहत मिली, लेकिन इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है।”

यह दुर्घटना रेलवे सुरक्षा और रखरखाव की आवश्यकता को उजागर करती है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को अपने ट्रैक और अन्य बुनियादी ढांचे की नियमित जांच और मरम्मत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम इस हादसे में मारे गए यात्री के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

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