Odisha University Student Suicide: भुवनेश्वर के एम्स मॉर्ग के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मृतक छात्रा के पिता ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी बेटी की शिकायत पर समय रहते कार्रवाई की होती, तो शायद यह घटना नहीं होती। 20 वर्षीय छात्रा, जो KIIT यूनिवर्सिटी में तीसरे वर्ष की इंजीनियरिंग की छात्रा थी, ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पीड़िता को नेपाल की निवासी और आरोपी को लखनऊ के 21 वर्षीय अद्विक श्रीवास्तव के रूप में पहचाना है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
#WATCH | Odisha: Security deployment at Kalinga Institute of Industrial Technology (KIIT) in Bhubaneswar for the third consecutive day after a Nepali girl student died by suicide after allegedly being harassed by a third-year Mechanical engineering student of the University.… pic.twitter.com/e8Q3clGXU2
— ANI (@ANI) February 19, 2025
घटना की पृष्ठभूमि
पीड़िता KIIT यूनिवर्सटी में इंजीनियरिंग की छात्रा थी और उसने अपनी पढ़ाई के दौरान कई बार यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत की थी। उसके पिता के अनुसार, उनकी बेटी ने आरोपी अद्विक श्रीवास्तव के साथ अपने रिश्ते को लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पीड़िता के पिता ने कहा, “अगर यूनिवर्सिटी ने समय रहते उसकी शिकायत पर ध्यान दिया होता, तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।”
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और आरोपी अद्विक श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, पीड़िता और आरोपी के बीच रिश्ते को लेकर काफी समय से तनाव चल रहा था। पीड़िता ने आरोपी के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने की कोशिश की थी, लेकिन आरोपी ने उसे परेशान करना जारी रखा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने KIIT यूनिवर्सिटी के प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता के परिवार और छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर यूनिवर्सिटी ने पीड़िता की शिकायतों को गंभीरता से लिया होता, तो इस त्रासदी को टाला जा सकता था। छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाबदेही तय करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता
यह घटना एक बार फिर से उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती है। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां छात्राओं को यौन उत्पीड़न, धमकी और अन्य प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षण संस्थानों को छात्राओं की सुरक्षा के लिए सख्त नीतियां बनानी चाहिए और शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
परिवार की मांग
पीड़िता के परिवार ने न्याय की मांग की है और चाहता है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी जवाबदेही तय करने की मांग की है। पीड़िता के पिता ने कहा, “मेरी बेटी ने कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। अब मैं चाहता हूं कि उसे न्याय मिले और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
समाज की जिम्मेदारी
इस घटना ने समाज को भी आईना दिखाया है। अक्सर ऐसे मामलों में पीड़िता को ही दोषी ठहराया जाता है और उसकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। समाज को यह समझने की जरूरत है कि ऐसी घटनाएं केवल पीड़िता और उसके परिवार तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि यह समाज के लिए एक बड़ा सवाल होती हैं। हमें ऐसे मामलों में पीड़िता का साथ देना चाहिए और उसे न्याय दिलाने की कोशिश करनी चाहिए।
ओडिशा के KIIT यूनिवर्सिटी में हुई यह घटना एक दुखद घटना है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे शिक्षण संस्थान कितने सुरक्षित हैं। यह घटना न केवल यूनिवर्सिटी प्रशासन, बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है कि हमें छात्राओं की सुरक्षा और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए। पीड़िता के परिवार को न्याय मिलना चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इस त्रासदी से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और पीड़िता को न्याय मिले। केवल तभी हम ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं और एक सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।