OP Jindal University viral video

OP Jindal University viral video: ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें एक छात्र अपनी गर्लफ्रेंड को सूटकेस में छिपाकर बॉयज हॉस्टल में घुसाने की कोशिश करता नजर आ रहा है। विश्वविद्यालय ने इस घटना को “शर्मनाक और गैरजिम्मेदाराना” बताते हुए तुरंत कार्रवाई की और छह छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है।

वीडियो में क्या हुआ?

इस वीडियो में एक छात्र एक बड़े विलचीय-सूटकेस (strolley bag) को खींचते हुए हॉस्टल में प्रवेश करता दिखता है। सुरक्षाकर्मियों को जब शक हुआ तो उन्होंने सूटकेस को खुलवाया। वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए जब उसमें से एक लड़की बाहर निकली। यह वीडियो X (पहले ट्विटर) पर तेज़ी से वायरल हुआ और कुछ ही घंटों में लाखों बार देखा गया।

लोगों ने इसे सिर्फ “प्रैंक” मानने से इनकार किया और विश्वविद्यालय प्रशासन से कठोर कदम उठाने की मांग की।

विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया

ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी ने इस वीडियो को लेकर औपचारिक प्रतिक्रिया जारी की है। विश्वविद्यालय के संचार निदेशक ने इसे “प्रैंक जो हद से बाहर चला गया” कहा और बताया कि सभी संबंधित छात्रों को शो-कॉज़ नोटिस (कारण बताओ नोटिस) दिया गया है।

“यह व्यवहार हमारी विश्वविद्यालय की मूलभूत मूल्यों और अनुशासन के विरुद्ध है। छात्रों को अनुशासन समिति के सामने पेश होना होगा और तभी अंतिम निर्णय लिया जाएगा,” – विश्वविद्यालय का आधिकारिक बयान।

अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया

विश्वविद्यालय की आंतरिक अनुशासन समिति अप्रैल के अंत तक इस मामले की सुनवाई करेगी। तब तक सभी छह छात्र सस्पेंड रहेंगे। यूनिवर्सिटी का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से देख रही है और पारदर्शिता बनाए रखेगी।

हालांकि छात्रों की डिग्री और अकादमिक भविष्य पर निर्णय सुनवाई के बाद ही लिया जाएगा।

छात्रों का आरोप: “हमें एकतरफा ट्रीट किया गया”

सस्पेंड छात्रों में से दो ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया है कि:

  • उन्हें आधी रात को हॉस्टल खाली करने को कहा गया।
  • उन्हें केवल एक घंटे पहले अनुशासन समिति के सामने पेश होने का नोटिस दिया गया।
  • किसी को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया।

इन आरोपों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या कार्रवाई निष्पक्ष थी या सिर्फ वायरल वीडियो की वजह से जल्दबाजी में की गई।

पहले भी विवादों में रहा है जिंदल यूनिवर्सिटी

यह पहली बार नहीं है जब ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी किसी विवाद में आई हो। पिछले कुछ वर्षों में कई घटनाएं सामने आई हैं:

  • 2023 में, एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कैंटीन स्टाफ को पैरों से आलू मसलते हुए दिखाया गया।
  • राम मंदिर पर बहस के बाद दो छात्रों को निलंबित किया गया था, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर भी सवाल उठे थे।
  • यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कई बार प्रशासन पर पक्षपात और कठोर अनुशासनात्मक रवैये के आरोप लगाए हैं।

सोशल मीडिया की भूमिका

इस घटना में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है। X (ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वीडियो क्लिप वायरल होते ही देशभर में प्रतिक्रिया आने लगी। कुछ ने इसे “जस्ट ए प्रैंक” बताया, लेकिन अधिकांश ने इसे नैतिकता और सुरक्षा नियमों की घोर अवहेलना बताया।

#JindalUniversity और #SuitcaseGirl जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जिससे यूनिवर्सिटी पर तेज़ी से दबाव बढ़ा।

इस घटना के पीछे की सोच क्या?

इस तरह की घटनाएं युवाओं के बीच बढ़ते “वायरल होने की लालसा” और नियमों की अवहेलना के चलन की ओर इशारा करती हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज़ की दौड़ में छात्र संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को भूल जाते हैं।

एक मनोवैज्ञानिक ने टिप्पणी की:

“यह महज़ मज़ाक नहीं था, बल्कि यह सुरक्षा, नैतिकता और गरिमा के नियमों की अवहेलना थी।”

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की यह घटना न सिर्फ अनुशासन का मामला है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सोशल मीडिया पर दिखने की चाह युवाओं को सोच-समझकर काम करने से रोक देती है।

विश्वविद्यालय प्रशासन को पारदर्शी, न्यायसंगत और संवादशील प्रक्रिया अपनानी होगी ताकि न केवल ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके, बल्कि छात्रों में जिम्मेदारी की भावना भी विकसित हो।


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