Operation Sindoor

Operation Sindoor: भारत का निर्णायक जवाब – पाकिस्तान में आतंक के 9 ठिकानों पर मिसाइल हमले

Operation Sindoor: 7 मई 2025 को भारतीय रक्षा इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया। जम्मूकश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ और निर्णायक नीति का सशक्त उदाहरण था।

भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फैले नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक क्रूज़ मिसाइल हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के कई लॉन्चपैड, प्रशिक्षण शिविर और लॉजिस्टिक हब तबाह कर दिए गए।

हमले के पीछे की रणनीति और तैयारी

इस ऑपरेशन के लिए कई हफ्तों तक खुफिया एजेंसियों ने ग्राउंड इंटेलिजेंस, सैटेलाइट इमेजरी और तकनीकी सर्विलांस के जरिए पाकिस्तान के भीतर और PoK में मौजूद आतंकी गतिविधियों की निगरानी की। इसके बाद, भारतीय वायुसेना ने राफेल और सुखोई जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स की मदद से अत्याधुनिक SCALP क्रूज़ मिसाइलें और AASM प्रिसिजन बमों का इस्तेमाल करते हुए सटीक हमले किए।

हर निशाना 100% पुख्ता जानकारी के आधार पर तय किया गया था। यह सुनिश्चित किया गया कि हमले केवल आतंकी ढांचे को निशाना बनाएं और किसी नागरिक या पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को कोई नुकसान न पहुंचे।

निशाना बनाए गए 9 प्रमुख आतंकवादी ठिकाने

  1. मुज़फ्फराबाद (PoK) – लश्कर-ए-तैयबा के लिए प्रमुख लॉजिस्टिक और रणनीतिक बेस। यहां से अक्सर आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए भेजा जाता था।
  2. कोटली (PoK) – इस इलाके में कई प्रशिक्षण शिविर हैं, जहां आतंकियों को हथियार, नक्शे और घुसपैठ की ट्रेनिंग दी जाती थी।
  3. बहावलपुर (पाकिस्तान) – जैश-ए-मोहम्मद का गढ़, जहां मसूद अजहर का मुख्यालय भी माना जाता है। यह हमला जैश के ऑपरेशन तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए अहम था।
  4. रावलकोट (PoK) – आतंकियों की रूटिंग और लॉजिस्टिक सहायता का एक प्रमुख केंद्र। यहां से घुसपैठ की योजनाएं बनाई जाती थीं।
  5. चक्सवारी (PoK) – यह इलाका लंबे समय से पाकिस्तान की ISI के संरक्षण में आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है।
  6. भीमबर (PoK) – यह क्षेत्र आतंकी लॉजिस्टिक सपोर्ट का नोडल पॉइंट बन चुका था।
  7. नीलम घाटी (PoK) – यहाँ जंगलों और पहाड़ियों के बीच आतंकी प्रशिक्षण शिविर गुप्त रूप से चलाए जाते थे।
  8. झेलम (पाकिस्तान) – यह इलाका हथियारों की आपूर्ति और आतंकी भर्ती का केंद्र बन चुका था।
  9. चकवाल (पाकिस्तान) – यह स्थल तकनीकी सहायता और आतंकी फंडिंग के लिए इस्तेमाल होता था।

भारतीय वायुसेना की भूमिका और तकनीकी श्रेष्ठता

इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने अपनी तकनीकी ताकत का भरपूर प्रदर्शन किया। राफेल जेट्स ने 600 किमी दूर से लक्ष्य पर SCALP मिसाइलें दागीं, जो अंडरग्राउंड बंकरों को भी ध्वस्त करने में सक्षम हैं। इसके अलावा AASM बमों का उपयोग कर गहरी भूमिगत सुरंगों को निशाना बनाया गया।

भारतीय नौसेना और DRDO के सैटेलाइट्स ने रियल टाइम इंटेलिजेंस मुहैया कराई, जिससे हर लक्ष्य को सटीकता से पहचाना और ध्वस्त किया जा सका।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और बयानबाज़ी

भारत के इन हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय हमलों में उसके पांच नागरिक मारे गए और कुछ सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा, हालांकि भारत ने किसी भी गैर-आतंकी लक्ष्य पर हमला करने से इनकार किया है।

पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमानों के जरिए भारतीय विमानों को खदेड़ने का दावा भी किया, जिसे भारतीय सेना ने “पूरी तरह निराधार और मनगढ़ंत” करार दिया। इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी शुरू कर दी, जिसमें कुछ भारतीय नागरिकों को नुकसान पहुंचा है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयम की अपील

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक वार्ता की सलाह दी है। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने दोनों देशों के संपर्क में रहते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश की है।

चीन ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि “दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और क्षेत्रीय शांति बनाए रखनी चाहिए।”

राजनीतिक और सामरिक असर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भारत अब ‘रणनीतिक धैर्य’ के स्थान पर ‘सर्जिकल प्रतिक्रिया’ के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार ने यह भी साफ किया कि आतंकवाद के खिलाफ यह संघर्ष जारी रहेगा, और भविष्य में भी यदि कोई आतंकी हमला होता है तो भारत इसी तरह की कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।

इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवादी संगठनों को बड़ा संदेश दिया, बल्कि पाकिस्तान की नीति को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कटघरे में खड़ा कर दिया है।

क्या यह शुरुआत है किसी बड़े बदलाव की?

भारत का यह कदम यह दर्शाता है कि अब वह केवल कूटनीतिक विरोध या चेतावनी पर निर्भर नहीं है, बल्कि अब वह प्रत्यक्ष कार्रवाई में भी विश्वास रखता है। यह बदलाव भारत की सुरक्षा नीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

भविष्य की राह में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस प्रतिक्रिया को कैसे लेता है — क्या वह जवाबी कार्रवाई की ओर बढ़ेगा या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते वार्ता की राह अपनाएगा।


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