Pahalgam Terrorist Attack: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध हमेशा से ही संवेदनशील रहे हैं, लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी समूहों द्वारा किया गया था, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों के बीच क्रिकेट संबंधों पर पुनः सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस घटना के बाद, भारतीय क्रिकेट जगत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पाकिस्तान से सभी क्रिकेट संबंध तोड़ने की मांग की है।
#PahalgamTerroristAttack | Kolkata, West Bengal: Former Indian cricket team captain Sourav Ganguly says, "100 per cent, this (breaking ties with Pakistan) should be done. Strict action is necessary. It is no joke that such things happen every year. Terrorism cannot be tolerated." pic.twitter.com/J4v4HX3TZJ
— ANI (@ANI) April 25, 2025
सौरव गांगुली का बयान
कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत में गांगुली ने कहा, “100 प्रतिशत, यह (पाकिस्तान से संबंध तोड़ना) किया जाना चाहिए। सख्त कार्रवाई जरूरी है। यह मजाक नहीं है कि हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं। आतंकवाद को सहन नहीं किया जा सकता।” उनका यह बयान उस वक्त आया जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। यह समूह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है, जो पहले भी कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है।
गांगुली के इस बयान को एक कड़ा संदेश माना जा रहा है, जो न केवल क्रिकेट बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में भी अहम है। उन्होंने साफ तौर पर यह कहा कि भारत को पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के क्रिकेट संबंधों को समाप्त करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद के समर्थन में पाकिस्तान का रवैया निरंतर जारी है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों का इतिहास
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों का इतिहास हमेशा से विवादों से भरा रहा है। राजनीतिक तनाव और आतंकवाद के बढ़ते खतरे ने हमेशा दोनों देशों के बीच इस खेल को एक पुल के रूप में काम करने से रोकने का काम किया है। 2008 में पाकिस्तान में एशिया कप खेलने के बाद से भारत ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है, और यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया था।
2012-13 में दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय श्रृंखला भारत में आयोजित हुई थी, लेकिन उसके बाद से दोनों देशों के बीच कोई सीरीज नहीं खेली गई है। हालांकि, दोनों टीमें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एक-दूसरे से भिड़ती रही हैं, जैसे कि 50-50 और T20 वर्ल्ड कप, एशिया कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, लेकिन इन मैचों का आयोजन तटस्थ स्थलों पर किया गया है।
भारत के लिए पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को लेकर यह हमेशा एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, खासकर तब जब आतंकवाद और सीमा पर तनाव की बात की जाती है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जो दोनों देशों के बीच एक दूसरे से जुड़ने का एकमात्र अवसर प्रदान करता है, लेकिन यह अवसर तब तक प्रभावी नहीं हो सकता जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे को पूरी तरह से खत्म नहीं करता।
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने भी इस हमले के बाद पाकिस्तान से क्रिकेट संबंधों पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम जो भी निर्णय सरकार लेगी, हम उसका पालन करेंगे। हम पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखलाएं नहीं खेलते हैं, और भविष्य में भी नहीं खेलेंगे। लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की बात आती है, तो हम आईसीसी के तहत मैच खेलते हैं।”
बीसीसीआई की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि यदि सरकार इस संबंध में कोई कठोर निर्णय लेती है, तो बोर्ड उसका समर्थन करेगा। यही नहीं, भारतीय क्रिकेट प्रशासन का यह भी मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर एक मजबूत और सकारात्मक कदम नहीं उठाता, तब तक द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों का कोई भविष्य नहीं है।
सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:
- अटारी स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करना।
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को निलंबित करना और उन्हें 40 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश देना।
- दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या कम करना।
इसके अतिरिक्त, जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं दिया जाएगा, जो कि सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है। यह कदम उन नीतियों को दर्शाता है, जो भारत पाकिस्तान से जुड़ी सभी पहलुओं पर कड़ी नजर रखे हुए है।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, भारतीय क्रिकेट जगत ने भी शोक व्यक्त किया है। बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर इस “नृशंस और कायरतापूर्ण” हमले की निंदा की और आईपीएल 2025 के मैच 41 में एक मिनट का मौन रखा और खिलाड़ियों ने काले आर्मबैंड पहने। इसके अलावा, मैच के दौरान कोई भी उत्सव, संगीत या आतिशबाजी नहीं की गई। इस कदम को क्रिकेट समुदाय द्वारा आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा गया।
पाकिस्तान और आतंकवाद का समर्थन
भारत के लिए यह सवाल अब उठता है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन देने और उन्हें प्रशिक्षण देने की बात कब तक जारी रहेगी। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय रुख में कठोरता का कारण यह भी है कि भारत में हुए कई प्रमुख आतंकवादी हमलों का पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से सीधा संबंध था, और जब तक पाकिस्तान इस समस्या का समाधान नहीं करता, तब तक क्रिकेट और अन्य संबंधों में सुधार की उम्मीद करना कठिन है।
पाहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सौरव गांगुली का यह बयान इस बात का संकेत है कि अब क्रिकेट जगत भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है। हालांकि, आईसीसी के तहत दोनों देशों के बीच मैचों का आयोजन जारी रहेगा, लेकिन द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि जब तक आतंकवाद का समर्थन करने वाले तत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक भारत को पाकिस्तान से सभी क्रिकेट संबंधों को समाप्त करने पर विचार करना चाहिए।
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