Pakistan closes airspace

Pakistan closes airspace: 24 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान ने भारतीय पंजीकृत नागरिक और सैन्य विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को एक महीने के लिए बंद कर दिया है। इस निर्णय से प्रतिदिन लगभग 400 उड़ानें प्रभावित हो रही हैं, जिन्हें अब ओमान और ईरान के हवाई मार्गों से होकर जाना पड़ रहा है। इससे उड़ानों की अवधि में 1.5 से 3 घंटे तक की वृद्धि हो रही है, जिससे ईंधन की खपत और परिचालन लागत में भी इजाफा हुआ है।

एयरलाइनों पर पड़ा आर्थिक प्रभाव

एयर इंडिया: अमेरिका और यूरोप के लिए सीधी उड़ानों को अब मुंबई और अहमदाबाद के माध्यम से मोड़ा जा रहा है, जिससे उड़ानों की अवधि में वृद्धि हुई है। इससे एयर इंडिया को करोड़ों रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।

इंडिगो: दिल्ली से इस्तांबुल की उड़ानों को अब दोहा और अहमदाबाद में ईंधन भरने के लिए रुकना पड़ रहा है, जिससे ईंधन की खपत में 2,500-3,000 किलोग्राम की वृद्धि हुई है।

स्पाइसजेट: दिल्ली से खाड़ी देशों की उड़ानों को नए मार्गों से होकर जाना पड़ रहा है, जिससे परिचालन लागत में वृद्धि हुई है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटन पर असर

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस घटना के बाद, श्रीनगर के लिए लगभग 15,000 टिकटों की बुकिंग रद्द या पुनर्निर्धारित की गई है। पर्यटकों में भय का माहौल है, जिससे कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

एयरलाइनों द्वारा यात्रियों के लिए राहत उपाय

यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न एयरलाइनों ने निम्नलिखित राहत उपायों की घोषणा की है:

  • एयर इंडिया: 30 अप्रैल 2025 तक श्रीनगर के लिए बुकिंग की गई उड़ानों के लिए पूर्ण धनवापसी और मुफ्त पुनर्निर्धारण की सुविधा प्रदान कर रही है।
  • इंडिगो: बुकिंग की गई उड़ानों के लिए शुल्क-मुक्त रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण की सुविधा दे रही है।
  • स्पाइसजेट: 22 अप्रैल तक की गई बुकिंग के लिए 30 अप्रैल तक मुफ्त रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण की सुविधा प्रदान कर रही है।
  • एयर इंडिया एक्सप्रेस और अकासा एयर: श्रीनगर के लिए बुकिंग की गई उड़ानों के लिए पूर्ण धनवापसी और मुफ्त पुनर्निर्धारण की सुविधा दे रही हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

वर्तमान स्थिति ने भारतीय विमानन उद्योग और पर्यटन क्षेत्र के सामने कई चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं। हवाई मार्गों में बदलाव से परिचालन लागत में वृद्धि हुई है, जबकि कश्मीर में पर्यटन में गिरावट आई है। हालांकि, एयरलाइनों द्वारा यात्रियों के लिए उठाए गए राहत उपाय सराहनीय हैं और इससे यात्रियों को कुछ हद तक राहत मिली है।

भविष्य में, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक वार्ता और समझौते के माध्यम से स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा, एयरलाइनों को वैकल्पिक मार्गों और रणनीतियों पर विचार करना होगा ताकि ऐसी आपात स्थितियों में यात्रियों को न्यूनतम असुविधा हो।


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