PM Modi in Marseille France: मार्सेई, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का गवाह बना। मंगलवार को फ्रांस के इस ऐतिहासिक शहर में पहुंचकर पीएम मोदी ने वीर सावरकर के साहसिक पलायन को याद किया और उन फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों को उन्हें वापस सौंपने का विरोध किया था।
पीएम मोदी अपने फ्रांस दौरे के तहत मार्सेई में भारतीय वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मौजूद रहेंगे। बुधवार को दोनों नेता कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिनमें मजार्ग युद्ध कब्रिस्तान (Mazargues War Cemetery) की यात्रा भी शामिल है, जहां वे उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे जिन्होंने विश्व युद्धों के दौरान बलिदान दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मार्सेई में उतरते ही इस ऐतिहासिक शहर की भारत की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका को याद किया। वीर सावरकर ने यहीं ब्रिटिश गिरफ्त से भागने का साहसिक प्रयास किया था। मैं उन फ्रांसीसी नागरिकों और कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने उस समय ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और सावरकर को वापस न भेजने की मांग की। वीर सावरकर का अदम्य साहस आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है।”
Landed in Marseille. In India’s quest for freedom, this city holds special significance. It was here that the great Veer Savarkar attempted a courageous escape. I also want to thank the people of Marseille and the French activists of that time who demanded that he not be handed…
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति मैक्रों और मैं कुछ देर पहले मार्सेई पहुंचे। यह दौरा भारत और फ्रांस को और अधिक जोड़ने के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का साक्षी बनेगा। भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन दोनों देशों के नागरिकों को और करीब लाएगा। साथ ही, मैं उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दूंगा जिन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी।”
मार्सेई और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का ऐतिहासिक संबंध
मार्सेई का भारत के स्वतंत्रता संग्राम से गहरा संबंध है। यहीं पर वीर सावरकर ने ब्रिटिश हिरासत से भागने का साहसिक प्रयास किया था।
सरकारी वेबसाइट ‘अमृत महोत्सव’ के अनुसार, “वीर सावरकर को 1910 में नासिक षड्यंत्र केस के सिलसिले में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। जब उन्हें समुद्री जहाज के जरिए भारत लाया जा रहा था, तब उन्होंने मार्सेई के पास समुद्र में छलांग लगा दी और तैरकर फ्रांस के तट तक पहुंचने की कोशिश की, जबकि ब्रिटिश गार्ड उन पर गोलियां चला रहे थे।”
वेबसाइट आगे बताती है, “मार्सेई में उन्हें ब्रिटिश पुलिस द्वारा फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। फ्रांसीसी सरकार ने इस गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए हेग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला दर्ज कराया। इस घटना ने वीर सावरकर और अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को वैश्विक पहचान दिलाई।”
पीएम मोदी और मैक्रों की मार्सेई यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मंगलवार को मार्सेई पहुंचे। इस दौरान वे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
दोनों नेता इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) परियोजना का दौरा करेंगे, जो परमाणु संलयन (nuclear fusion) पर केंद्रित एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहल है। इसके अलावा, पीएम मोदी मजार्ग युद्ध कब्रिस्तान का दौरा कर उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे जिन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
पेरिस में भारत-फ्रांस CEO फोरम को किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-फ्रांस CEO फोरम को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस मंच को महज व्यापारिक बैठक न मानकर इसे दोनों देशों के बीच बौद्धिक आदान-प्रदान का केंद्र बताया।
उन्होंने कहा, “भारत-फ्रांस CEO फोरम दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और नवाचार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देखकर खुशी होती है कि दोनों देशों के व्यावसायिक नेता विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं और नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं। यह न केवल निवेश और विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-फ्रांस संबंधों की मजबूत बुनियाद को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत और फ्रांस केवल लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़े नहीं हैं, बल्कि हमारे रिश्ते गहरे विश्वास, नवाचार और जनसेवा पर आधारित हैं। हमारा रिश्ता केवल दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि हम मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान देने का प्रयास कर रहे हैं।”
इस दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।