rcb victory parade stampede: आईपीएल 2025 के विजेता के रूप में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के ऐतिहासिक ताजपोशी के बाद पूरे शहर में उत्सव का माहौल था, लेकिन इस जीत का जश्न एक दर्दनाक त्रासदी में तब्दील हो गया। मंगलवार की शाम, जब हजारों प्रशंसक चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB की विजय रैली में शामिल होने पहुंचे, तो एक भयावह भगदड़ मच गई जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
Tragic Turn Amidst Celebration for #RCB
— A Sharadhaa (@sharadasrinidhi) June 4, 2025
Sadly, the joyous roar of the #RCB parade was shattered as a stampede outside the #chinnaswamystadium left 11 people dead and over 20 injured. What should have been a day of victory and cheer turned into heartbreak — a painful reminder… pic.twitter.com/UA1eYFmHbr
विजय रैली से हाहाकार तक: कैसे हुआ हादसा
RCB ने 18 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अपना पहला आईपीएल खिताब जीता। यह जीत न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि करोड़ों फैंस के लिए भी गर्व का क्षण था। टीम द्वारा जब बेंगलुरु में विजय रैली का आयोजन किया गया, तब प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
रैली का मार्ग विधान सौधा से शुरू होकर एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम तक तय किया गया था। जैसे ही टीम स्टेडियम पहुंची, प्रशंसकों का उत्साह चरम पर था। लेकिन सुरक्षा प्रबंधों की भारी चूक और पुलिस की लापरवाही के कारण भीड़ बेकाबू हो गई। स्टेडियम के गेट खोलते ही हजारों लोग एकसाथ भीतर घुसने की कोशिश करने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि जब गेट खोला गया, तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बैरिकेडिंग नहीं थी। पुलिस ने भी स्थिति को संभालने में देरी की। कुछ लोगों का कहना है कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया गया, जिससे दहशत फैली और भगदड़ और भी तेज हो गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम केवल अपने खिलाड़ियों की एक झलक पाना चाहते थे। लेकिन वहां कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों – सभी को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।”
मृतकों और घायलों की स्थिति
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें एक 10 वर्षीय बच्चा और दो महिलाएं शामिल हैं। करीब 50 घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बेंगलुरु के कई बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी अलर्ट घोषित कर दिया गया है और अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।
प्रशासन की लापरवाही या भीड़ का उन्माद?
इस भयावह घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। आयोजकों द्वारा रैली के लिए सिर्फ 15,000 लोगों की अनुमति ली गई थी, जबकि 50,000 से अधिक लोग वहां मौजूद थे। ऐसे आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस और नगर प्रशासन की होती है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, न तो पर्याप्त पुलिस बल तैनात था और न ही चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं थीं।
कर्नाटक सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
RCB टीम की प्रतिक्रिया
RCB प्रबंधन और खिलाड़ियों ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कप्तान रजत पाटीदार ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारी जीत का मतलब तभी है जब हमारे प्रशंसक सुरक्षित हों। इस त्रासदी से हमारा दिल टूट गया है।”
टीम के अनुभवी खिलाड़ी विराट कोहली ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि “इस हादसे से हमारी खुशी अधूरी रह गई। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।”
राजनीतिक घमासान भी शुरू
जैसे ही यह घटना सामने आई, विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना योजना बनाए रैली की अनुमति दी और सुरक्षा के इंतजामों में भारी चूक की। वहीं, सत्ताधारी दल ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जांच पूरी होने तक आरोप-प्रत्यारोप से बचने की अपील की।
सोशल मीडिया पर गम और गुस्सा
सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के बीच शोक और आक्रोश दोनों देखने को मिला। जहां एक ओर लोग मृतकों के प्रति संवेदना जता रहे हैं, वहीं प्रशासन और पुलिस पर नाराज़गी भी जाहिर कर रहे हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #RCBParadeTragedy और #JusticeForVictims ट्रेंड कर रहे हैं।
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा केवल एक भीड़-नियंत्रण विफलता नहीं था, बल्कि एक चेतावनी है – बड़े सार्वजनिक आयोजनों में योजना, तकनीक, और प्रशासनिक सतर्कता कितनी अनिवार्य है। अगर बेहतर प्लानिंग और पर्याप्त सुरक्षा होती, तो शायद इन 11 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
आयोजन समितियों और पुलिस विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में किसी भी तरह की रैली, जुलूस या सार्वजनिक समारोह को लेकर गंभीर मानक तैयार किए जाएं, जिसमें:
- रीयल-टाइम भीड़ निगरानी प्रणाली
- प्रशिक्षित स्टाफ
- अलग आपातकालीन निकास मार्ग
- जनता को पूर्व-निर्धारित गाइडलाइंस
जैसी व्यवस्थाएं शामिल हों।
RCB की ऐतिहासिक जीत पर हर बेंगलुरुवासी गर्व महसूस कर रहा था, लेकिन यह खुशी मातम में बदल गई। इस त्रासदी ने यह साफ कर दिया है कि जश्न के मौकों पर भी सावधानी जरूरी है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे बड़ी जीत जीवन की सुरक्षा है।
हम जनविचार की ओर से मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और आशा करते हैं कि प्रशासन इस घटना से सीख लेकर आगे बेहतर व्यवस्था करेगा।
अधिक खबरों के लिए पढ़ते रहें जनविचार।