Shambhu Border: पंजाब के किसानों की बेदखली के बाद, हरियाणा ने शंभू बॉर्डर पर एक साल से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद बैरिकेड्स हटाने शुरू किए। पिछले एक साल से शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के बाद, हरियाणा सरकार ने पंजाब के किसानों की बेदखली के बाद बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम क्षेत्र में सामान्य जनजीवन बहाल करने और यातायात को सुचारू बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
VIDEO | Haryana Police remove concrete barricading from Haryana side at Shambhu border.
Several farmer leaders, including Sarwan Singh Pander and Jagjit Singh Dallewal were detained in Mohali while returning from a meeting with a central delegation. Punjab Police evicted farmers… pic.twitter.com/3DHvD5lNJA
— Press Trust of India (@PTI_News) March 20, 2025
शंभू-अंबाला मार्ग, जो पिछले एक साल से बंद था, को फिर से खोलने के लिए हरियाणा सुरक्षा कर्मियों ने गुरुवार सुबह से सीमेंटेड बैरिकेड्स को हटाना शुरू किया। इस कार्य के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि सड़क को जल्द से जल्द साफ किया जा सके।
पिछले वर्ष, कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान, हरियाणा सरकार ने पंजाब से दिल्ली की ओर बढ़ने वाले किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर सीमेंट ब्लॉक्स, लोहे की कीलें और कंटीले तारों से बैरिकेड्स लगाए थे। इन उपायों का उद्देश्य ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के तहत किसानों की राजधानी की ओर बढ़ने की कोशिशों को रोकना था।
किसान आंदोलन के दौरान, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अपने तंबू गाड़े और लंबे समय तक डेरा डाले रखा। इस दौरान, सड़कें बंद होने से स्थानीय लोगों और यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। व्यापार और परिवहन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
अब, बैरिकेड्स हटाने के बाद, उम्मीद है कि शंभू-अंबाला मार्ग पर यातायात फिर से सुचारू हो जाएगा। स्थानीय व्यवसायियों और निवासियों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे उनकी दैनिक गतिविधियों में आसानी होगी।
हालांकि, कुछ किसान नेताओं ने इस बेदखली और बैरिकेड्स हटाने की प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि उनकी मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं, और सरकार को किसानों के हित में और कदम उठाने चाहिए।
इस बीच, हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह किसानों के साथ संवाद के लिए तैयार है और उनकी जायज़ मांगों पर विचार करेगी। सरकार का कहना है कि बैरिकेड्स हटाने का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना है, न कि किसानों के आंदोलन को दबाना।
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए, सुरक्षा बलों को सतर्क रखा गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
आने वाले दिनों में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और किसानों के बीच संवाद कैसे आगे बढ़ता है, और क्या दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंच सकते हैं जो सभी के हित में हो।