Stock Market Crash Today: आज, 28 फरवरी 2025 को, भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 1,000 से अधिक अंक टूटकर 73,742.99 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 1.2% की गिरावट के साथ 22,271.40 पर बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है और बाजार में अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है।
Sensex crashes over 1000 points!
Catch all live updates here: https://t.co/aOhdEuON4G pic.twitter.com/Nrw1RXVtFp
— ETMarkets (@ETMarkets) February 28, 2025
शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण:
वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 4 मार्च से प्रभावी होगी। इसके अलावा, चीन पर भी अतिरिक्त 10% शुल्क प्रस्तावित किया गया है। इन घोषणाओं से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में भय व्याप्त है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मंदी: अमेरिका में बेरोजगारी दावों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना बढ़ गई है। इसका सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ा है, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: सितंबर 2024 के शिखर से अब तक, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से लगभग 25 बिलियन डॉलर की निकासी की है। उच्च मुद्रास्फीति और स्थिर आय के कारण अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास कम हुआ है।
कमजोर कॉर्पोरेट लाभ: निफ्टी 50 कंपनियों का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में लाभ वृद्धि केवल 5% रही है, जो लगातार तीसरी तिमाही में एकल अंक की वृद्धि है। यह संकेत देता है कि कंपनियों के मुनाफे में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है।
बजट 2025 से अपेक्षाएं: निवेशकों को उम्मीद थी कि बजट 2025 में पूंजीगत व्यय में वृद्धि और कर सुधारों के माध्यम से बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, बजट में अपेक्षित सुधार न होने के कारण निवेशकों में निराशा है, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा है।
विभिन्न सेक्टरों पर प्रभाव:
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी): अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ती बेरोजगारी दर के कारण आईटी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आईटी इंडेक्स में आज 4% की गिरावट दर्ज की गई है।
वित्तीय सेवाएं: विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण वित्तीय सेक्टर में भी दबाव देखा गया है। निफ्टी फाइनेंशियल इंडेक्स में आज लगभग 0.5% की गिरावट आई है।
मध्यम और लघु पूंजीकरण (मिड और स्मॉल कैप): बाजार की व्यापक बिकवाली के चलते मिड और स्मॉल कैप इंडेक्स में भी लगभग 2% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे छोटे निवेशकों को विशेष रूप से नुकसान हुआ है।
भविष्य की संभावनाएं:
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। हालांकि, वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति, और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगा कि बाजार कब तक स्थिर होता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं।
इसके अलावा, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से उम्मीद की जा रही है कि वे आर्थिक सुधारों और नीतिगत समर्थन के माध्यम से बाजार में स्थिरता लाने के प्रयास करेंगे। बजट 2025 में घोषित नीतियों का प्रभाव आने वाले महीनों में दिख सकता है, जिससे बाजार में सकारात्मक बदलाव की संभावना है।
निवेशकों के लिए सुझाव:
धैर्य बनाए रखें: बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं। निवेशकों को घबराने की बजाय अपने निवेश लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
विविधीकरण (डाइवर्सिफिकेशन): अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टरों और संपत्तियों को शामिल करें ताकि जोखिम कम हो सके।
मूल्यांकन करें: वर्तमान बाजार स्थितियों में अपने निवेशों का पुनर्मूल्यांकन करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
विशेषज्ञ सलाह लें: निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले वित्तीय विशेषज्ञों से परामर्श करें।
अंततः, बाजार की वर्तमान स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है। सावधानीपूर्वक योजना और सूचित निर्णयों के माध्यम से निवेशक इस अस्थिरता के दौर में भी अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।