Sunil Gavaskar on Shama Mohamed: हाल ही में कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई ‘मोटापे’ संबंधी टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। इस टिप्पणी को लेकर क्रिकेट जगत और प्रशंसकों में गहरा असंतोष व्याप्त है। इस बीच, भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय व्यक्त की है, जिससे यह विवाद और भी सुर्खियों में आ गया है।
‘Unimpressive, overweight’ remarks on Rohit Sharma by Congress leader Shama Mohammad lead to huge row. #SunilGavaskar says, ‘He has won a World Cup. Rohit’s results speak for themselves’. Listen in to the full conversation. #NewsToday @sardesairajdeep pic.twitter.com/2bzs6WIU8o
— IndiaToday (@IndiaToday) March 3, 2025
शमा मोहम्मद की टिप्पणी और विवाद की शुरुआत
शमा मोहम्मद ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच पर रोहित शर्मा के वजन को लेकर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने उनकी फिटनेस पर सवाल उठाए। उनकी इस टिप्पणी को कई लोगों ने ‘बॉडी शेमिंग’ के रूप में देखा और इसकी कड़ी निंदा की। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों ने शमा की इस टिप्पणी को अनुचित और असंवेदनशील बताया।
सुनील गावस्कर की प्रतिक्रिया
सुनील गावस्कर, जो अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध हैं, ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यदि आपको केवल पतले खिलाड़ी ही चाहिए, तो फिर आप मॉडलिंग एजेंसियों में जाएं, क्रिकेट मैदान पर नहीं।” गावस्कर ने इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ी का मूल्यांकन उसके प्रदर्शन और कौशल के आधार पर होना चाहिए, न कि उसकी शारीरिक बनावट के आधार पर।
रोहित शर्मा का करियर और फिटनेस
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और निरंतरता से टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं। उनकी फिटनेस को लेकर पहले भी सवाल उठाए गए हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने प्रदर्शन से इन सवालों का माकूल जवाब दिया है। रोहित ने अपनी कप्तानी में टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और उनकी रणनीतिक समझ की व्यापक सराहना होती है।
बॉडी शेमिंग और समाज पर प्रभाव
बॉडी शेमिंग एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है, जो व्यक्ति की आत्म-सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। खासकर जब सार्वजनिक हस्तियों के बारे में इस प्रकार की टिप्पणियां की जाती हैं, तो यह समाज में गलत संदेश प्रसारित करता है। खेल जगत में खिलाड़ियों की शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करने के बजाय उनके कौशल, मेहनत और समर्पण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
राजनीति और खेल का मिश्रण
राजनीतिक नेताओं द्वारा खिलाड़ियों पर इस प्रकार की टिप्पणियां करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह खेल और राजनीति के बीच अनावश्यक तनाव भी पैदा करता है। खिलाड़ियों को उनके खेल के आधार पर आंका जाना चाहिए, न कि उनकी शारीरिक बनावट या व्यक्तिगत जीवन के आधार पर। राजनीतिक नेताओं को अपनी टिप्पणियों में संयम बरतना चाहिए और समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित करना चाहिए।
समर्थकों की प्रतिक्रिया
रोहित शर्मा के प्रशंसकों ने शमा मोहम्मद की टिप्पणी के खिलाफ सोशल मीडिया पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने रोहित के समर्थन में हैशटैग चलाए और उनकी उपलब्धियों को उजागर किया। प्रशंसकों का कहना है कि रोहित ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित किया है, और इस प्रकार की टिप्पणियां उनकी उपलब्धियों को कम नहीं कर सकतीं।
मीडिया की भूमिका
मीडिया को इस प्रकार के विवादों को संवेदनशीलता से कवर करना चाहिए। बॉडी शेमिंग जैसे मुद्दों पर मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह समाज में जागरूकता फैलाए और इस प्रकार की नकारात्मक प्रवृत्तियों की निंदा करे। साथ ही, मीडिया को खिलाड़ियों के व्यक्तिगत जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना चाहिए और उनके पेशेवर प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।