Supreme Court on Waqf amendment act: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में वक्फ मामलों में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देशित किया गया है कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और वक्फ संपत्तियों की वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यह आदेश वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया है, जिसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने का विरोध किया गया है।
🚨NO STAY on Waqf Law. Centre assures court. Till next hearing:
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) April 17, 2025
1. No Changes to existing WAQF properties. No DENOTIFICATION.
2. No New Non Muslim apointment to WAQF Boards.
SC would've given Interim Order. SHARIAT Ecosystem wins. Govt had to do this to prevent STAY orders. pic.twitter.com/ZEpe3Zb3jk
‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान का महत्व
‘वक्फ बाय यूजर’ वह प्रावधान है, जिसके तहत किसी संपत्ति को लंबे समय से धार्मिक या परोपकारी कार्यों के लिए उपयोग किए जाने पर वक्फ संपत्ति माना जाता था, भले ही उसके पास औपचारिक दस्तावेज न हों। यह प्रावधान विशेष रूप से उन संपत्तियों के लिए महत्वपूर्ण था, जो ऐतिहासिक रूप से समुदायों द्वारा धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग की जाती रही हैं।
संशोधन अधिनियम और विवाद
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 में ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने का प्रस्ताव है, जिससे केवल औपचारिक रूप से घोषित और पंजीकृत संपत्तियों को ही वक्फ माना जाएगा। इससे उन संपत्तियों की स्थिति अनिश्चित हो जाएगी, जो वर्षों से धार्मिक या परोपकारी कार्यों के लिए उपयोग की जा रही थीं, लेकिन औपचारिक रूप से वक्फ घोषित नहीं थीं।
कई विपक्षी नेताओं और मुस्लिम संगठनों ने इस संशोधन का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह बदलाव समुदायों की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और संपत्ति विवादों को जन्म देगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देशित किया है कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और वक्फ संपत्तियों की वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यह आदेश वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया है।
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से वक्फ संपत्तियों की स्थिति को लेकर उत्पन्न हुई अनिश्चितता को कुछ हद तक कम किया गया है। हालांकि, ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने के निर्णय से जुड़े विवाद और चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं। अगली सुनवाई में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय न केवल वक्फ संपत्तियों की स्थिति को स्पष्ट करेगा, बल्कि धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के अधिकारों और उनके संरक्षण के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
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