Telangana Rescue Operation

Telangana Rescue Operation: तेलंगाना के श्रीसैलम टनल में हादसा: 8 मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Telangana Rescue Operation: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल के एक हिस्से में शनिवार को हुए भूस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से जारी है। इस हादसे में 8 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अन्य आपातकालीन टीमें उन्हें बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।

Credit: PTI

हादसे का विवरण
यह घटना डोमलपेंटा के पास टनल के अंदर लगभग 200 मीटर की दूरी पर हुई। टनल की गहराई करीब 500 फीट है। हादसे के समय टनल में 60 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से 52 बाहर निकलने में सफल रहे। हालांकि, कुछ मजदूर घायल हो गए, जबकि 8 अभी भी टनल के अंदर फंसे हुए हैं।

फंसे हुए मजदूरों में जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्री निवास (दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले), झारखंड के चार मजदूर संदीप साहू, जताक्स, संतोष साहू और अनुज साहू, और रॉबिंस इंडिया कंपनी के दो मशीन ऑपरेटर सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर) और गुरप्रीत सिंह (पंजाब) शामिल हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
NDRF के डिप्टी कमांडर सुखेंदु दत्ता ने बताया कि टीम ने शनिवार रात करीब 10 बजे टनल के अंदर जाकर स्थिति का जायजा लिया। टनल के अंदर 13 किलोमीटर की दूरी में से 11 किलोमीटर तक की जांच की गई। हालांकि, 200 मीटर का एक हिस्सा मलबे से भरा हुआ है, जिसके कारण फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।

दत्ता ने आगे बताया, “टनल के 11 से 13 किलोमीटर के बीच के हिस्से में पानी भर गया है। जब तक इस पानी को बाहर नहीं निकाला जाएगा, तब तक मलबे को हटाने का काम शुरू नहीं किया जा सकता। हमारी पहली टीम शनिवार शाम करीब 7 बजे यहां पहुंची थी। फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सबसे पहले पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी, उसके बाद ही मलबे को हटाया जा सकता है। फिलहाल फंसे हुए मजदूरों की सही स्थिति का पता लगाना बाकी है।”

हादसे का कारण
वरिष्ठ सिंचाई अधिकारियों ने पुष्टि की है कि टनल की छत के गिरने का कारण पानी और मिट्टी का अचानक रिसाव था। यह रिसाव टनल की दीवार में दरार के कारण हुआ, जिससे करीब 13 किलोमीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया।

श्रीसैलम बांध के बाएं किनारे से लगभग 44 किलोमीटर तक फैले इस टनल में हादसा प्रवेश द्वार से करीब 13 किलोमीटर अंदर हुआ। टनल बोरिंग मशीन (TBM) के पास काम कर रहे मजदूर तो बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन टनल के आगे वाले हिस्से में काम कर रहे मजदूर फंस गए।

संचालन में तेजी
हादसे के बाद काम तुरंत रोक दिया गया और पर्यवेक्षकों ने जल्दी से जितने संभव हो सके मजदूरों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि टनल के अंदर वेंटिलेशन सिस्टम अभी भी काम कर रहा है, जिससे फंसे हुए मजदूरों को लगातार ऑक्सीजन मिल रही है।

सेना की मदद
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए सेना की टीमों को शनिवार रात तक मौके पर पहुंचने की उम्मीद है। सेना के विशेषज्ञ और उपकरण रेस्क्यू ऑपरेशन को और गति दे सकते हैं।

तेलंगाना सरकार और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। हालांकि, टनल के अंदर की चुनौतीपूर्ण स्थिति के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में समय लग सकता है। स्थानीय प्रशासन ने मजदूरों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

इस हादसे ने एक बार फिर टनल निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आशा है कि जल्द ही फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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