Telangana Tunnel Collapse Rescue

Telangana Tunnel Collapse Rescue: आठवें दिन बचाव कार्य में बड़ी सफलता, चार मजदूरों के ठिकाने का पता चला

Telangana Tunnel Collapse Rescue: तेलंगाना के नारायणपेट जिले में निर्माणाधीन करमाला सुरंग के धंसने की घटना को आज आठ दिन हो चुके हैं। इस दुर्घटना में कुल आठ मजदूर फंसे हुए हैं, जिनमें से चार के ठिकाने का पता लगा लिया गया है। राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन मजदूरों को रविवार शाम तक बाहर निकाल लिया जाएगा।

दुर्घटना का विवरण

22 फरवरी 2025 को करमाला सुरंग का एक हिस्सा अचानक धंस गया, जिससे वहां काम कर रहे आठ मजदूर अंदर फंस गए। यह सुरंग तेलंगाना के सिंचाई परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में जल आपूर्ति को बढ़ाना है। दुर्घटना के तुरंत बाद, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन सुरंग के अंदर पानी और मिट्टी के जमाव के कारण अभियान में कठिनाइयां आईं।

बचाव कार्य की प्रगति

बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अन्य विशेषज्ञ टीमें शामिल हैं। आठवें दिन, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) उपकरण की मदद से चार मजदूरों के ठिकाने का पता चला है। बचाव दल अब उस स्थान से पानी निकालने और मिट्टी हटाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा, ‘रैट माइनर्स’ को भी इस विशेष स्थान पर तैनात किया गया है ताकि वे संकीर्ण मार्गों से होकर मजदूरों तक पहुंच सकें।

चिकित्सा तैयारियां

बचाव कार्य के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए, पास के डोमालापेंटा गांव में एम्बुलेंस तैयार रखी गई हैं। इसके अलावा, हैदराबाद से फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम को भी बुलाया गया है, जो बचाए गए मजदूरों की स्वास्थ्य जांच में सहायता करेगी। ये तैयारियां संकेत देती हैं कि बचाव दल मजदूरों तक पहुंचने के करीब हैं और उन्हें जल्द ही बाहर निकाला जा सकता है।

परिवारों की चिंता और उम्मीदें

फंसे हुए मजदूरों के परिवार पिछले आठ दिनों से अपने प्रियजनों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों ने उन्हें नियमित रूप से बचाव कार्य की प्रगति की जानकारी दी है, जिससे उनकी उम्मीदें बनी हुई हैं। मंत्री कृष्णा राव ने भी परिवारों को भरोसा दिलाया है कि सरकार और बचाव दल पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं और जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

चुनौतियां और समाधान

सुरंग के अंदर पानी और मिट्टी का जमाव बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती रहा है। इसके समाधान के लिए उच्च क्षमता वाले पंपों का उपयोग किया जा रहा है ताकि पानी को तेजी से बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा, मिट्टी हटाने के लिए विशेष उपकरणों और तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बचाव दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और बचाव कार्य की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बचाव कार्य में कोई कमी न रहे और फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के भी आदेश दिए गए हैं।

स्थानीय समुदाय की भूमिका

स्थानीय समुदाय ने भी इस संकट की घड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गांववासियों ने बचाव दल को आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान किया है। इसके अलावा, उन्होंने फंसे हुए मजदूरों के परिवारों को मानसिक समर्थन और सांत्वना दी है, जिससे उनकी हिम्मत बनी रही।

आशा की किरण

चार मजदूरों के ठिकाने का पता चलना बचाव कार्य में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह न केवल बचाव दल के प्रयासों का परिणाम है, बल्कि तकनीक और मानव संकल्प की जीत भी है। अब सभी की निगाहें रविवार शाम पर हैं, जब उम्मीद है कि इन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।

करमाला सुरंग दुर्घटना ने हमें यह सिखाया है कि आपदा के समय में सरकार, बचाव दल, स्थानीय समुदाय और तकनीक के समन्वित प्रयास कितने महत्वपूर्ण होते हैं। आठ दिनों की इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में, सभी ने धैर्य, साहस और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है। हम आशा करते हैं कि बचाव कार्य सफल होगा और फंसे हुए सभी मजदूर जल्द ही सुरक्षित अपने परिवारों के बीच होंगे।

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