Trump Putin to meet

Trump, Putin to meet: यूक्रेन युद्ध विराम के लिए ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक बातचीत इस सप्ताह, शांति की उम्मीदें जगीं

Trump Putin to meet: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सप्ताह यूक्रेन में तीन वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करेंगे। ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने हाल ही में मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी, जिसे उन्होंने ‘सकारात्मक’ बताया। विटकॉफ़ ने सीएनएन को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच होने वाली बातचीत ‘वास्तव में अच्छी और सकारात्मक’ होगी।

ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन द्वारा स्वीकार किए गए 30-दिवसीय युद्धविराम प्रस्ताव के लिए पुतिन का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया है। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच हवाई हमले जारी हैं, और रूस यूक्रेनी बलों को पश्चिमी रूसी क्षेत्र कुर्स्क से बाहर निकालने के करीब है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि ‘इस भयानक, खूनी युद्ध को अंततः समाप्त करने का एक बहुत अच्छा मौका है’। उन्होंने पुतिन से आग्रह किया कि कुर्स्क से बाहर निकाले जा रहे हजारों यूक्रेनी सैनिकों को न मारा जाए, जिसे पुतिन ने इस शर्त पर स्वीकार किया कि वे आत्मसमर्पण करेंगे।

विटकॉफ़, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने रविवार को विभिन्न कार्यक्रमों में कहा कि युद्धविराम और अंतिम शांति समझौते तक पहुंचने में अभी भी चुनौतियाँ हैं। वाल्ट्ज ने एबीसी पर कहा कि ‘क्या हम हर इंच यूक्रेनी भूमि से हर रूसी को बाहर निकालेंगे?’ उन्होंने कहा कि वार्ता को ‘वास्तविकता’ पर आधारित होना चाहिए। रुबियो ने सीबीएस को बताया कि अंतिम शांति समझौता ‘कठिन परिश्रम, रूस और यूक्रेन दोनों से रियायतों’ की मांग करेगा, और जब तक दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, तब तक वार्ता शुरू करना मुश्किल होगा।

ट्रंप प्रशासन ने युद्धविराम को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। शनिवार को, ट्रंप ने कहा कि जनरल कीथ केलॉग की भूमिका को विशेष दूत से केवल यूक्रेन तक सीमित कर दिया गया है, क्योंकि रूसी अधिकारियों ने उन्हें शांति वार्ता से बाहर रखने की मांग की थी। इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग रूसी तेल कंपनियों और तेल सेवा कंपनियों पर संभावित प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है, जिससे पुतिन पर शांति समझौते के लिए दबाव बढ़ेगा।

पिछले महीने, ट्रंप ने पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए चर्चा की थी। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने कुछ अच्छे वार्तालाप किए हैं और अगले सप्ताह यूक्रेनी राष्ट्रपति से मिलने की योजना है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर वह 2022 में राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ संभावित शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी के बदले यूक्रेन में दुर्लभ खनिजों और प्राकृतिक गैस तक अमेरिकी कंपनियों की पहुंच सुनिश्चित करने की योजना बना रहे हैं।

ट्रंप ने यह भी पुष्टि की कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अगले सप्ताह म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में ज़ेलेंस्की से मुलाकात करेंगे, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित शांति वार्ता और आर्थिक समझौतों पर चर्चा हो सकती है।

ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली आगामी बातचीत से उम्मीद है कि यह तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हालांकि, शांति समझौते तक पहुंचने के लिए दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण रियायतें देनी पड़ सकती हैं, और यह प्रक्रिया समय ले सकती है।

ट्रंप प्रशासन के अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वार्ता वास्तविकता पर आधारित होनी चाहिए और दोनों पक्षों को समझौता करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह वार्ता कैसे आगे बढ़ती है और क्या यह युद्धविराम और अंततः स्थायी शांति की ओर ले जाती है।

इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखे हुए है, और सभी पक्षों से उम्मीद की जाती है कि वे इस अवसर का उपयोग करके इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे।

ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली यह वार्ता न केवल यूक्रेन और रूस के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि यह वार्ता सफल होती है, तो यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की एक महत्वपूर्ण सफलता होगी और भविष्य में ऐसे संघर्षों को रोकने के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगी।

अंततः, यह सभी संबंधित पक्षों पर निर्भर करेगा कि वे इस अवसर का कैसे उपयोग करते हैं और क्या वे स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं। दुनिया भर के लोग इस प्रक्रिया की सफलता की कामना कर रहे हैं, ताकि यूक्रेन में शांति और स्थिरता लौट सके और इस संघर्ष से प्रभावित लोगों की पीड़ा समाप्त हो सके।

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