Trump vs Harvard University row: अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने विश्वविद्यालय पर विदेशी छात्रों के नामांकन की अनुमति रद्द करने की धमकी दी है। यह विवाद विश्वविद्यालय की स्वायत्तता, शैक्षणिक स्वतंत्रता और विदेशी छात्रों के अधिकारों को लेकर गहराता जा रहा है।
JUST IN: Trump administration threatens to ban Harvard from enrolling foreign students.
— Inquirer (@inquirerdotnet) April 17, 2025
US President Donald Trump also called the prestigious university a “joke” and said it should lose its government research contracts after Harvard refused demands that it accept outside… pic.twitter.com/2eaVyeEhIL
क्या है मामला?
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मांग की है कि वह विदेशी छात्रों के “अवैध और हिंसक गतिविधियों” से संबंधित रिकॉर्ड 30 अप्रैल तक प्रस्तुत करे। इसके अलावा, प्रशासन ने विश्वविद्यालय पर $2.7 मिलियन की ग्रांट रद्द कर दी है और $2.3 बिलियन की फंडिंग को फ्रीज कर दिया है। प्रशासन का आरोप है कि हार्वर्ड ने सरकार की मांगों को मानने से इनकार किया है, जिसमें विविधता कार्यक्रमों को बंद करना और विदेशी छात्रों की गतिविधियों की निगरानी शामिल है ।
हार्वर्ड का रुख
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने प्रशासन की मांगों को असंवैधानिक और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कानूनी दायित्वों का पालन करेगा, लेकिन अपनी स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों से समझौता नहीं करेगा ।
शैक्षणिक जगत की प्रतिक्रिया
हार्वर्ड के समर्थन में कई प्रमुख विश्वविद्यालय और सार्वजनिक हस्तियां सामने आई हैं। कोलंबिया, स्टैनफोर्ड और प्रिंसटन जैसे विश्वविद्यालयों ने ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और मैसाचुसेट्स की गवर्नर मौरा हीली ने भी हार्वर्ड के समर्थन में बयान दिए हैं, इसे शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है ।
विदेशी छात्रों पर प्रभाव
अमेरिका में लगभग 10 लाख विदेशी छात्र पढ़ाई करते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा भारतीय छात्रों का है। ट्रंप प्रशासन की नीतियों के कारण विदेशी छात्रों में अनिश्चितता और भय का माहौल है। वीजा रद्द होने और देश से निकाले जाने की आशंका ने छात्रों की शिक्षा और भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है ।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और ट्रंप प्रशासन के बीच का यह विवाद केवल एक विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है। यह अमेरिका में शैक्षणिक स्वतंत्रता, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और विदेशी छात्रों के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विवाद कैसे सुलझता है और इसका उच्च शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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