भाजपा शासित उत्तराखंड सोमवार को स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन गया, जिसने समान नागरिक संहिता UCC (Uniform Civil Code) को लागू किया। यह कानून सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है, चाहे उनका धर्म कोई भी हो। साथ ही, विवाह, तलाक और संपत्ति जैसे व्यक्तिगत कानूनों को एकरूप बनाने का उद्देश्य रखता है।
UCC को लागू करने के साथ ही, यह कानून उत्तराखंड के सभी लोगों पर लागू होगा, सिवाय अनुसूचित जनजाति समुदाय के। भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान यह वादा किया था, और अब इसे पूरा करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में UCC की अधिसूचना जारी की, इसके नियमों और प्रावधानों का अनावरण किया, और विवाह, तलाक व लिव-इन रिलेशनशिप की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के लिए पोर्टल लॉन्च किया। उन्होंने अपनी शादी का पंजीकरण इस पोर्टल पर सबसे पहले कर प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
धामी ने कहा, “समान नागरिक संहिता लागू होने के साथ ही सभी धर्मों के लोगों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार समान हो गए हैं। यह कदम पूरी तरह से राज्य की जनता के सहयोग और समर्थन के कारण संभव हो पाया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि UCC किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए समानता सुनिश्चित करने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने उन पहले पांच लोगों को भी प्रमाण पत्र वितरित किए जिन्होंने UCC पोर्टल पर पंजीकरण किया।
धामी ने बताया कि 2022 के चुनावों के दौरान उन्होंने UCC लागू करने का वादा किया था, और जनता ने भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में लाकर इस वादे को पूरा करने का अवसर दिया।
“लगभग तीन साल पहले मैंने यह वादा किया था, और आज वह दिन आ गया है जब हम इसे पूरा कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने UCC को पार्टी की विचारधारा के मुख्य स्तंभों में से एक बताया, जो अनुच्छेद 370 हटाने, ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे वादों की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
अधिक जानकारी के लिये आप उत्तराखंत सरकार की अधिकृत वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in/ चेक कर सकते है।