UPI failure disrupts payments again: शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाओं में एक बार फिर व्यापक रुकावट आई, जिससे लाखों उपयोगकर्ता प्रभावित हुए।
🚨 UPI DOWN ACROSS INDIA: Several users are facing disruptions while making payments via Google Pay, PhonePe, Paytm, etc. #upidown pic.twitter.com/0gFAHy5L4r
— Beats in Brief (@beatsinbrief) April 12, 2025
Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे प्रमुख डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स पर लेन-देन असफल होने की शिकायतें सामने आईं।
यह पिछले एक महीने में तीसरी बार है जब UPI सेवाएं बाधित हुई हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं में चिंता और असंतोष बढ़ रहा है।
रुकावट का समय और असर
सूत्रों के अनुसार, शनिवार सुबह 11:26 बजे से UPI सेवाओं में समस्याएं शुरू हुईं, जो 11:40 बजे तक चरम पर पहुंच गईं।
इस दौरान, Google Pay, PhonePe और Paytm के उपयोगकर्ताओं ने ट्रांजैक्शन फेल होने, पैसे अटकने और देरी जैसी समस्याओं की शिकायत की।
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जताई। कुछ ने लिखा कि वे दुकान में खड़े हैं और भुगतान नहीं कर पा रहे, जबकि कुछ ने कहा कि उनका पैसा कट गया पर लाभार्थी को नहीं मिला।
NPCI की प्रतिक्रिया
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि यह एक अस्थायी तकनीकी समस्या थी और उनकी टीम इस पर काम कर रही है।
उन्होंने उपयोगकर्ताओं से संयम रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि जल्द ही सेवाएं सामान्य हो जाएंगी।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी समस्याएं
यह रुकावट इस महीने की पहली नहीं है। मार्च और अप्रैल की शुरुआत में भी UPI नेटवर्क डाउन हुआ था:
- 26 मार्च 2025: लगभग तीन घंटे तक UPI लेन-देन ठप रहे।
- 2 अप्रैल 2025: सैकड़ों यूजर्स ने भुगतान विफल होने की शिकायत की, खासकर PhonePe और Google Pay पर।
लगातार हो रही इस तरह की तकनीकी दिक्कतों से लोगों का भरोसा डगमगा रहा है।
डिजिटल भुगतान पर असर
UPI अब भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है।
जनवरी 2025 में ही UPI के ज़रिए लगभग 17 अरब लेन-देन हुए, जिनकी कुल कीमत ₹23 लाख करोड़ से अधिक रही।
ऐसे में जब नेटवर्क बार-बार फेल होता है, तो यह सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, छोटे दुकानदारों और ऑनलाइन व्यापारियों को भी प्रभावित करता है।
उपयोगकर्ताओं की आवाज़
रुकावट के बाद कई लोगों ने अपनी समस्याएं साझा कीं:
- “डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और पेमेंट ही नहीं हो पा रहा। मेरे पैसे अटक गए हैं।”
- “ऑटो वाले को किराया देना था, और GPay बार-बार फेल हो रहा था। बहुत शर्मिंदगी हुई।”
लोग अब स्थायित्व और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
आगे का रास्ता क्या है?
UPI की सफलता तभी टिकाऊ रह सकती है जब इसका तकनीकी आधार मज़बूत हो।
बैंकों और NPCI को मिलकर ऐसे डाउनटाइम से निपटने की योजना बनानी होगी।
यूज़र्स के भरोसे को बनाए रखने के लिए सिर्फ तेज़ सेवा नहीं, बल्कि भरोसेमंद सेवा भी जरूरी है।
अधिक समाचारों के लिए पढ़ते रहें जनविचार।