US Deportation: अमेरिका से वापस लौटे भारतीय प्रवासियों की दर्दनाक कहानी: “एक को मरते, दूसरे को डूबते देखा”

US Deportation: अमेरिकी सपने का पीछा करते हुए ‘डंकी रूट’ से गए भारतीय प्रवासियों को किस तरह की भयानक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा?

अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीय प्रवासियों का जत्था बुधवार को अमृतसर पहुंचा। इनमें से कई ने अपने संघर्ष और डरावने अनुभव साझा किए। इनमें ज़्यादातर लोग ‘डंकी रूट’ (अवैध प्रवास मार्ग) से अमेरिका पहुँचे थे। इस सफर के दौरान न केवल उन्हें खाने-पीने की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, बल्कि कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी।

जंगलों और समुद्र का डरावना सफर

पंजाब के रहने वाले हरविंदर सिंह, जो अगस्त 2023 में अमेरिका जाने के लिए निकले थे, ने बताया कि उन्होंने इस सफर में कई मुश्किलों का सामना किया। उन्होंने कहा, “हम पहाड़ियों से गुजरे, घने जंगल पार किए, और समुद्र के रास्ते आगे बढ़े। एक बार नाव पलटने वाली थी, लेकिन किसी तरह हम बच गए।”

हरविंदर ने बताया कि इस सफर में उन्होंने एक व्यक्ति को पनामा के जंगलों में मरते देखा, जबकि दूसरा व्यक्ति समुद्र में डूब गया। “खाने को बहुत मुश्किल से कुछ मिलता था। कभी चावल मिलते, तो कभी सिर्फ़ बिस्किट खाने पड़ते थे। कई बार तो हमें बिल्कुल भूखा रहना पड़ा,” उन्होंने कहा।

एक अन्य प्रवासी ने बताया कि उसे इटली और लैटिन अमेरिका के रास्ते अमेरिका ले जाया गया। उसने कहा, “हमने 17-18 पहाड़ियाँ पार कीं। अगर कोई फिसल जाता, तो उसका बचना नामुमकिन था। अगर कोई घायल हो जाता, तो उसे वहीं मरने के लिए छोड़ दिया जाता। हम लोगों ने बहुत कुछ देखा – रास्ते में पड़ी लाशें तक देखीं।”

42 लाख, 30 लाख रुपये: अमेरिका जाने के लिए उधार लिए पैसे, लेकिन सपना टूट गया

इन प्रवासियों ने अमेरिका पहुँचने के लिए मोटी रकम खर्च की थी, लेकिन अंत में उन्हें वापस लौटना पड़ा। कुछ लोगों ने इस सफर के लिए उधार लिया था, जबकि कुछ की यात्रा के दौरान लूट हो गई।

पंजाब के रहने वाले जसपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए थे और उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि वे कानूनी रूप से अमेरिका पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने एजेंट से साफ़ कहा था कि मुझे सही वीज़ा के साथ भेजा जाए, लेकिन उसने धोखा दिया। पैसा भी चला गया और अमेरिका में टिक भी नहीं सका। यह पैसा मैंने उधार लिया था।”

एक अन्य प्रवासी ने बताया कि रास्ते में उनके कपड़े और पैसे चोरी हो गए। उन्होंने कहा, “हमारे कपड़े, जो करीब 30,000-35,000 रुपये के थे, चोरी हो गए। पैसा भी चला गया।”

हरविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 42 लाख रुपये खर्च किए थे। उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी रकम देने के बाद भी हमें जो भुगतना पड़ा, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”

शशि थरूर ने क्या कहा ?

104 भारतीयों को अमेरिका से निकाला गया

बुधवार को अमेरिका से भारत पहुंचे 104 प्रवासियों में से 30 पंजाब के, 33 हरियाणा और गुजरात के, तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के, और दो चंडीगढ़ के थे। इन सभी को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया था और अमेरिकी सेना के विशेष विमान से वापस भेजा गया।

इनमें से कई प्रवासियों ने अपने अमेरिका जाने के फैसले को अब एक बहुत बड़ी भूल बताया। “हमने सुना था कि अमेरिका में ज़िंदगी बेहतर है, लेकिन इस रास्ते से जाने का फैसला हमारी ज़िंदगी का सबसे बुरा अनुभव रहा। अब हम अपनी गलती समझ गए हैं,” एक प्रवासी ने कहा।

कई लोगों ने बताया कि वे अब कानूनी रास्ते से विदेश जाने का ही प्रयास करेंगे। “यह एक कड़वा सबक था। अगर कभी विदेश जाना हुआ, तो सही वीज़ा और प्रक्रिया से ही जाएंगे,” एक अन्य प्रवासी ने कहा।

यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध तरीकों से विदेश जाने के सपने देखते हैं। यह न केवल खतरनाक है, बल्कि इसमें जीवन की भी भारी जोखिम है।

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