US officials leaked chat conversation: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। हाल ही में लीक हुई एक चैट में, ट्रम्प प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की बातचीत उजागर हुई, जिसमें यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हवाई हमलों की योजना पर चर्चा की गई थी। यह चैट गलती से एक पत्रकार को भेज दी गई, जिससे यह गंभीर सुरक्षा चूक सार्वजनिक हो गई।
BREAKING: Internal Signal messages from Trump-world just leaked—confirming what many suspected.
Pete Hegseth, JD Vance, and senior officials were greenlighting a military move tied to Houthi strikes—coordinating openly about timing, optics, and even how to squeeze Europe for… pic.twitter.com/NDLOd7IFLm
— Brian Allen (@allenanalysis) March 24, 2025
कैसे हुआ खुलासा?
अमेरिकी पत्रिका The Atlantic ने सबसे पहले इस लीक का खुलासा किया। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों का एक समूह, जिसे “Houthi PC Small Group” नामक चैट ग्रुप में जोड़ा गया था, वहां यमन पर होने वाले हवाई हमलों की रणनीति पर चर्चा कर रहा था।
इस ग्रुप में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइक वॉल्ट्ज, डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ और वाइस प्रेसिडेंट जेडी वांस सहित 19 वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस समूह की बातचीत गलती से The Atlantic के एडिटर-इन-चीफ जेफ्री गोल्डबर्ग को भेज दी गई, जिन्हें गलती से ग्रुप में जोड़ लिया गया था।
लीक चैट में क्या था?
लीक हुई चैट में अधिकारियों ने हूती ठिकानों पर हमले की तिथि, समय और इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों को लेकर चर्चा की थी। यह जानकारी सार्वजनिक होने से अमेरिकी सैन्य अभियान पर असर पड़ सकता था और विरोधी पक्ष को चेतावनी मिल सकती थी।
जब इस बारे में डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “कोई भी युद्ध योजनाएं टेक्स्ट नहीं कर रहा था,” लेकिन लीक हुए संदेशों में स्पष्ट रूप से सैन्य रणनीति पर चर्चा हो रही थी।
अमेरिकी सरकार की सफाई
इस खुलासे के बाद व्हाइट हाउस और पेंटागन में हलचल मच गई। प्रशासन ने इसे एक “तकनीकी गलती” बताया और कहा कि यह किसी साइबर हमले या हैकिंग का परिणाम नहीं था।
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइक वॉल्ट्ज ने इस गलती को स्वीकारते हुए कहा,
“हमने अनजाने में एक पत्रकार को ग्रुप में जोड़ दिया, जिससे जानकारी सार्वजनिक हो गई। हमने तुरंत कदम उठाए हैं ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।”
इस लीक का असर क्या हो सकता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर – इस लीक से अमेरिकी सैन्य रणनीति सार्वजनिक हो गई, जिससे भविष्य में सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीतिक विवाद – ट्रम्प प्रशासन पर पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं, और यह घटना उन आलोचनाओं को और बल दे सकती है।
मध्य पूर्व में तनाव – यदि हूती विद्रोही इस जानकारी का लाभ उठाते, तो वे अमेरिकी हमलों के लिए पहले से तैयार हो सकते थे, जिससे मिशन असफल हो सकता था।
यह लीक केवल एक साधारण गलती नहीं बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा में गंभीर चूक का उदाहरण है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या इस लीक के जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जाती है।