US Vice President JD Vance to Visit India: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस और उनकी पत्नी उषा वांस अगले महीने भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। यह उनकी उपराष्ट्रपति के रूप में दूसरी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा होगी, जिसमें वे अपनी भारतीय मूल की पत्नी के साथ भारत आएंगे। यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उषा वांस अपनी आधिकारिक क्षमता में पहली बार अपने पैतृक देश का दौरा करेंगी।
US VP JD Vance, Second Lady Usha likely to visit India next month: US Media report
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— ANI Digital (@ani_digital) March 12, 2025
इससे पहले, फरवरी 2025 में, वांस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक विवादास्पद भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने यूरोपीय नेताओं की आलोचना की थी। उन्होंने अवैध प्रवास, धार्मिक स्वतंत्रता और चुनाव प्रक्रियाओं जैसे मुद्दों पर यूरोपीय सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उनका यह रुख यूरोपीय नेताओं के बीच असंतोष का कारण बना, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की उम्मीद कर रहे थे।
वांस ने अपने भाषण में यूरोपीय लोकतंत्र के सामने आंतरिक खतरों पर जोर दिया, बाहरी चुनौतियों जैसे रूस या चीन से अधिक। उन्होंने यूरोप में बड़े पैमाने पर प्रवास को सबसे महत्वपूर्ण समस्या बताया, विशेष रूप से जर्मनी में विदेशी मूल के निवासियों की बढ़ती संख्या का उल्लेख किया। वांस ने म्यूनिख में ट्रेड यूनियन प्रदर्शनकारियों पर अफगान प्रवासी द्वारा किए गए वाहन हमले को इस मुद्दे से जोड़ा और प्रवास के बारे में सार्वजनिक चिंताओं पर अधिक संवेदनशीलता की वकालत की।
उन्होंने यूरोपीय लोकतांत्रिक संस्थानों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ह्रास पर भी चिंता व्यक्त की। विशेष रूप से, उन्होंने 2024 के रोमानियाई राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर को रद्द करने की आलोचना की, जो कथित रूसी इंटरनेट और टिकटॉक अभियानों के कारण हुआ था। वांस ने इस कदम की तुलना सोवियत युग की प्रथाओं से की और कहा कि यदि आपकी लोकतंत्र कुछ सौ हजार डॉलर के विदेशी डिजिटल विज्ञापन से नष्ट हो सकती है, तो यह शुरू से ही मजबूत नहीं थी।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संदर्भ में, वांस ने यूरोपीय नेताओं पर “गलत सूचना” और “दुष्प्रचार” जैसे शब्दों का उपयोग करके वैकल्पिक दृष्टिकोणों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने ब्रिटेन में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी, स्वीडन में एक ईसाई कार्यकर्ता की सजा, जर्मनी में पुलिस द्वारा एंटी-फेमिनिस्ट टिप्पणियों पर कार्रवाई, और स्कॉटलैंड में निजी प्रार्थना पर प्रतिबंध जैसे उदाहरण दिए। वांस ने तर्क दिया कि यूरोपीय नेताओं को सार्वजनिक राय को गले लगाना चाहिए, भले ही यह स्थापित पदों को चुनौती दे।
वांस के इस भाषण के बाद यूरोपीय नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने वांस के भाषण को “अस्वीकार्य” कहा, जबकि चांसलर ओलाफ शोल्ज़, विपक्ष के नेता फ्रेडरिक मर्ज़, उप चांसलर रॉबर्ट हेबेक, और विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने भी उनकी आलोचना की। जर्मनी की फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी की मैरी-अग्नेस स्ट्रैक-ज़िम्मरमैन ने वांस के भाषण को “अजीब बौद्धिक निम्नता” कहा।
वांस की आगामी भारत यात्रा के दौरान, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे और भारत-अमेरिका संबंधों को कैसे मजबूत करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, रक्षा सहयोग, और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर हैं। इसके अलावा, उषा वांस की भारतीय जड़ों के कारण, यह यात्रा सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करने में सहायक हो सकती है।
हालांकि, वांस के पिछले भाषणों और उनके विवादास्पद बयानों को देखते हुए, यह संभव है कि उनकी भारत यात्रा के दौरान भी कुछ मुद्दे उठ सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि वे प्रवास या धार्मिक स्वतंत्रता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं, तो यह भारतीय समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण होगा कि वांस अपनी यात्रा के दौरान संवेदनशील मुद्दों पर संतुलित और समझदार दृष्टिकोण अपनाएं।
अंत में, जेडी वांस और उषा वांस की आगामी भारत यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह यात्रा न केवल राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि सांस्कृतिक और व्यक्तिगत संबंधों को भी गहरा करेगी। उम्मीद है कि यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी, जो दोनों देशों के नागरिकों के लिए लाभकारी होगी।